अब राजनगर के गांवों में भी होगी तसर की खेती
– राजनगर में तसर की खेती का काफी संभावना – किसानों का 60 समूह गठित, मिलेगा प्रशिक्षण संवाददाताखरसावां . खरसावां कुचाई के ग्रामीण क्षेत्रों में तसर की अप्रत्याशित खेती से उत्साहित उद्योग विभाग ने इसे अब राजनगर के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने की तैयारी कर ली है. खरसावां, कुचाई की तर्ज पर अब राजनगर में […]
– राजनगर में तसर की खेती का काफी संभावना – किसानों का 60 समूह गठित, मिलेगा प्रशिक्षण संवाददाताखरसावां . खरसावां कुचाई के ग्रामीण क्षेत्रों में तसर की अप्रत्याशित खेती से उत्साहित उद्योग विभाग ने इसे अब राजनगर के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने की तैयारी कर ली है. खरसावां, कुचाई की तर्ज पर अब राजनगर में भी तसर की खेती इसी साल से शुरू कर दी जायेगी. प्रयोग के तौर पर पिछले वर्ष राजनगर के 15 किसानों से तसर की खेती करायी गयी थी. किसानों द्वारा किये गये खेती में बेहतर रिजल्ट निकला है. उच्च कोटी के तसर कोसा का उत्पादन हुआ है. प्रयोग सफल होने के बाद अब क्षेत्र में बड़े पैमानों पर किसानों का समूह तैयार कर चालू वर्ष में ही तसर की खेती कराने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में 60 समूह का गठन कर लिया गया है. प्रत्येक समूह में 23 से 25 किसानों को रखा गया है. इस वर्ष ये किसान तसर की खेती करेंगे. किसानों को तसर का अंडा उपलब्ध कराया जायेगा. तसर के अंडों से किसान कीट पालन कर तसर की खेती करेंगे. अग्र परियोजना पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि राजनगर प्रखंड के ओडि़शा सीमा तक बड़े पैमाने पर अर्जुन व आसन के पेड़ है. इन पेड़ों पर तसर की खेती होगी. राजनगर में तसर की खेती की काफी संभावना बनी हुई है. किसानों को विभाग की ओर से बीते साल प्रशिक्षण भी दिया गया था. गांव के लोगों को सिल्क उद्योग से जोड़ कर स्वरोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. सिल्क के मामले में पूरे देश में झारखंड अव्वल स्थान पर है, इसे ओर आगे बढ़ाया जायेगा.