रविवार दिन के करीब 10 बजे परिवार को मिली सुसेन के एवरेस्ट फतह की सूचनात्नसुसेन का गांव पहाड़पुर डूबा में जश्न त्नघर पर बधाई देनेवालों का तांतात्न23 मार्च को घर से निकले थे एवरेस्ट के लिए
राजनगर : वर्ष 2012 में राजनगर प्रखंड के मेघलाल महतो और विनिता सोरेन के एवरेस्ट फतह के बाद वर्ष 2013 में राजनगर प्रखंड के पहाड़पुर निवासी 42 वर्षीय सुसेन महतो ने एवरेस्ट फतह करने में सफलता पायी.
सुसेन सोरेन पूर्व में एवरेस्ट फतह कर चुके मेघलाल महतो एवं विनिता सोरेन तुपुंग पंचायत के ही रहनेवाले हैं, जबकि सुसेन महतो और मेघलाल महतो एक ही गांव के रहनेवाले हैं. सुसेन महतो द्वारा एवरेस्ट फतह करने की सूचना परिवार को जैसे ही मिली, घर के लोग जश्न में डूब गये. सबहे पहले तो परिवार के लोगों ने भगवान का शुक्रिया अदा किया, जिसके बाद एवरेस्ट फतह करने की जानकारी आस-पड़ोस में दी.
धीरे-धीरे पूरा गांव जश्न में डूब गया और जमकर आतिशबाजी की. गांव के लोग काफी गौरवान्वित हैं कि मेघलाल के बाद गांव के साहसी सुसेन महतो एवरेस्ट फतह करने में सफल रहा. सभी ने सुसेन महतो को बधाई दी. उन्होंने कहा कि सरकार इन पर्वतारोहियों के बारे में सोचे, ताकि इनका हौसला बुलंद रहे.
परिवार में खुशी का माहौल
सुसेन महतो के परिवार में खुशी का माहौल है. सुसेन महतो के परिवार में पत्नी अनीता महतो के अलावा पुत्री रेणुका, मानसी एवं हिमाद्री के साथ मां अहिल्या एवं दो भाई लखिंद्र एवं छुटाई के अलावा एक बहन एवं भावी है. सभी के चेहरे पर मुस्कान देखते ही बन रहा है. पत्नी अनीत महतो बीमार हैं, लेकिन खुश है कि उनके पति आज एवरेस्ट फतह कर गये. उनकी इच्छा थी कि वे एक दिन एवरेस्ट की चोटी पर झंडा फहरायेंगे और आज वे सफल हो गये.
पापा ने नाम रोशन किया
सुसेन महतो के तीन बेटियां है. बड़ी पुत्री रेणुका महतो विद्या भारती इंगलिश स्कूल हाता में नौवीं कक्षा की छात्र है, जबकि मानसी गांव के स्कूल में पांच में पढ़ती है, वहीं हिमाद्री गुरुकुल स्कूल तुमुंग में तीसरी कक्षा में पढ़ाई कर रही है.
रेणुका महतो ने बताया कि पापा काफी साहसी हैं. वह जो मन में ठान लेते है, पूरा कर ही लेते हैं. उन्होंने बताया कि आज दिन के करीब दस बजे मामा का फोन आया कि पापा एवरेस्ट की चोटी पहुंच गये हैं. यह हमारी लिए एक बहुत बड़ी खुशी है. पापा ने आज परिवार के साथ-साथ राज्य और देश का नाम रौशन किया.
एवरेस्ट के बारे मे नहीं जानती, पर खुशी है : मां अहिल्या
सुसेन महतो की मां अहिल्या महतो की उम्र लगभग 80 वर्ष है. उन्हें एवरेस्ट के बारे में कुछ जानकारी नहीं है. बांग्ला में बोलती है. सुसेन महतो के एवरेस्ट चढ़ने के बाद से लोगों का आना जाना शुरू हुआ, तो वे भी खटिया में बैठ गयीं.
उन्होंने कहा कि उन्हें एवरेस्ट के बारे में कुछ जानकारी नहीं है, लेकिन सुना है कि उनका बेटा वहां चढ़ गया. घर के सभी लोग खुश है, तो वे भी खुश हैं. हर मां अपने बेटे और परिवार की खुशी चाहती है, आज उनका बेटा सफल हुआ है, यह उनके लिए खुशी की बात है.
साहसी हैं सुसेन : मेघलाल
2012 में एवरेस्ट फतह कर चुके मेघलाल महतो ने सुसेन महतो की सफलता पर बधाई दी. मेघलाल महतो और सुसेन महतो एक ही गांव के रहनेवाले हैं.
मेघलाल महतो ने कहा कि सुसेन महतो साहसी व्यक्ति है, जो मन में ठान लेते हैं, उसे कर दिखाते हैं. उन्होंने एक कड़ी संघर्ष के बाद आज एवरेस्ट पर चढ़े, इसके लिए उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं हैं.
– संजय सरदार –