गोंडामारा में पेयजल संकट चुआं से प्यास बुझा रहे लोग

सभी तीन चापाकल खराब, चुंआ से बुझ रही है 450 लोगों की प्या खरसावां/बड़ाबांबो : खरसावां प्रखंड के अनुसूचित जाति बहुल गोंडामारा गांव में पेयजल संकट गहरा गया है. गांव में पूर्व में लगाये गये तीनों चापाकल खराब हो गये हैं. बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी खराब चापाकलों की मरम्मत नहीं हुई है. अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2016 7:03 AM

सभी तीन चापाकल खराब, चुंआ से बुझ रही है 450 लोगों की प्या

खरसावां/बड़ाबांबो : खरसावां प्रखंड के अनुसूचित जाति बहुल गोंडामारा गांव में पेयजल संकट गहरा गया है. गांव में पूर्व में लगाये गये तीनों चापाकल खराब हो गये हैं. बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी खराब चापाकलों की मरम्मत नहीं हुई है. अब गांव के करीब साढ़े चार सौ लोगों की प्यास पास के नदी के पानी से बुझ रही हैं.
गांव के लोग नदी में रेत पर चुंआ खोद कर पानी निकाल रहे हैं तथा इसी पानी को पीने के लिये उपयोग कर रहे है. हर रोज सुबह पानी के लिये नदी के चुंआ में लोगों की भीड़ जुट जाती है. सुबह के वक्त ग्रामीण पीने के लिये अपने घर पानी ले जाते है. दस बजे के बाद इसी नदी के पानी का उपयोग नहाने के साथ-साथ मवेशियों को पानी पिलाने के लिये करते है.
उन्नत गांव बनने की बाट जोह रहा है गोंडामारा: खरसावां का गोंडामारा गांव उन्नत गांव बनने की बाट जोह रहा है. झारखंड राज्य अनुसूचित जनजाति सहकारिता विकास निगम की ओर से सरायकेला खरसावां जिला से गोंडामारा गांव को उन्नत गांव के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की गयी है. करीब तीन साल पहले निगम की ओर से इस योजना को मंजूरी देते हुए करीब 37.25 लाख रुपये की मंजूरी भी दी गयी है. परंतु आज तक इस पर कोई कार्य नहीं हुआ है.
उन्नत गांव में पाइप लाइन से जलापूर्ति करने की योजना भी शामिल है. उन्नत गांव पर कार्य होने की स्थिति में आज यहां पेयजल की समस्या नहीं रहती.
क्या कहते है ग्रामीण
गांव में जनवरी माह से ही सभी चापाकल खराब हो गये हैं. बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी मरम्मत नहीं की गयी. अब हर रोज पानी की समस्या से जुझना पड़ रहा है.
विनोती नायक, ग्रामीण महिला
पिछले दिनों चापाकल मरम्मत के लिए सरकार की ओर से मिस्त्री पहुंचे थे तथा चापाकल का मरम्मत किया था. परंतु मरम्मत के दो घंटा बाद ही चापाकल खराब हो गये. इसके बाद फिर कोई मरम्मत करने नहीं आया.
तुलसा नायक, ग्रामीण महिला
गोंडामारा का चयन सिर्फ नाम मात्र के लिये उन्नत गांव के लिये हुआ है. सरकार की ओर से इस पर कोई कार्य नहीं हुआ है. सरकार को चाहिये कि गांव की मुलभूत समस्याओं को दूर करें.
नांडु तांती, ग्रामीण

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