चार दिनों से अस्पताल नहीं दे रहा बेटे की लाश

बूढ़े मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल गरीबी के कारण एक लाख पांच हजार बकाया बिल नहीं दे पा रहा वृद्ध पिता राजनेताओं और मुख्यमंत्री के पीए से मदद की गुहार लगा थक चुके हैं माता-पिता 20 अप्रैल की रात टीएमएच में 18 वर्षीय इकलौते पुत्र की हुई थी मौत सीनी : घर व समाज के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2017 12:35 AM

बूढ़े मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल

गरीबी के कारण एक लाख पांच हजार बकाया बिल नहीं दे पा रहा वृद्ध पिता
राजनेताओं और मुख्यमंत्री के पीए से मदद की गुहार लगा थक चुके हैं माता-पिता
20 अप्रैल की रात टीएमएच में 18 वर्षीय इकलौते पुत्र की हुई थी मौत
सीनी : घर व समाज के सहयोग से अपने 18 वर्षीय इकलौते पुत्र के इलाज में करीब एक लाख खर्च करने के बावजूद 20 अप्रैल को टीएमएच में उसकी मौत हो गयी. अस्पताल का बकाया बिल नहीं चुका पाने के कारण बेटे के शव के लिए पीड़ित पिता चार दिनों से टीएमएच का चक्कर काट रहे हैं. पिता ने बेटे के शव के लिए कई राजनेता व मुख्यमंत्री के पीए से गुहार लगायी, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली. पिता अपने बेटे की लाश लेने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. वहीं उनका रो-रोकर बुरा हाल है, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें.
बूढ़े मां-बाप का सहारा था भवानी :
दरअसल सीनी की मोहितपुर पंचायत स्थित मोहितपुर नीचे टोला के केदार साव का इकलौता पुत्र भवानी साव मां-बाप का सहारा था. वह मेला व साप्ताहिक हाट में फेरी कर घर चलाता था. बीते 13 अप्रैल को अचानक भवानी की तबीयत खराब हो गयी. उसे 14 अप्रैल को जमशेदपुर के टीएमएच में भरती कराया गया. दाखिला के समय अस्पताल में 18 हजार रुपये जमा किया गया. एक सप्ताह में घर व समाज के सहयोग से करीब 80 हजार रुपये खर्च कर दिया. इसके बावजूद 20 अप्रैल की रात 10.30 बजे उसका देहांत हो गया.
लाश नहीं मिलने का कारण नहीं कर पा रहा अंतिम संस्कार:
अब अस्पताल प्रबंधन बकाया बिल एक लाख पांच हजार रुपये चुकाने के बाद लाश देने की बात कह रहा है. माता-पिता ने अस्पताल प्रबंधन से विनती की कि बेटे के इलाज में सब कुछ खर्च हो गया. अब मैं कहां से पैसा लाऊंगा. बूढ़े मां-बाप का भवानी एकमात्र सहारा था. किसी तरह रोजी रोजगार कर जीवन चलता था. पैसे के बिना अपने मृत बच्चे का अंतिम संस्कार कर नहीं कर पा रहा है.

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