इमली खरीद योजना शुरू होने से पहले ही फेल !
सरायकेला खरसावां जिला में शुरू नहीं हो सकी इमली खरीद योजना सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक है बाजार भाव खरसावां : सरायकेला खरसावां जिला में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इमली (लघु वनोपज) खरीद की योजना शुरू होने से पहले ही फेल हो गयी. इसका कारण केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य है, जो […]
सरायकेला खरसावां जिला में शुरू नहीं हो सकी इमली खरीद योजना
सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक है बाजार भाव
खरसावां : सरायकेला खरसावां जिला में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इमली (लघु वनोपज) खरीद की योजना शुरू होने से पहले ही फेल हो गयी. इसका कारण केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य है, जो खुले बाजार से कम है. वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए इमली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 18 रुपये प्रति किलो तय किया गया है, जबकि खुले बाजार में इसकी कीमत 25-26 रुपये प्रति किलो है. झारखंड में सामान्यत: इमली का मौसम 15 फरवरी से 15 जून तक का होता है.
आम तौर पर मार्च-अप्रैल में इमली पक जाती है तथा इसकी बिक्री लघु वनोपज पर आश्रित ग्रामीण करते हैं. इस कार्य में ग्रामीणों को नुकसान से बचाने तथा उन्हें आर्थिक सहायता देने के लिए ही न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होता है. सरायकेला खरसावां जिला में इस वर्ष बड़े पैमाने पर इमली की उपज हुई है. लेकिन जिला में इस वर्ष सरकारी स्तर पर इमली की खरीदारी नहीं हो सकी है.
चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए खरीद लक्ष्य तथा मूल्य निर्धारण संबंधी झामकोफेड से भेजा गया प्रस्ताव मई तक कल्याण विभाग से मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया. जिससे दर व खरीद लक्ष्य निर्धारण में विलंब हो गया तथा इस वर्ष इमली की खरीद नहीं हुई. वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए इमली की खरीद दर 18 रु प्रति किलो तय है, पर अब तक खरीद का लक्ष्य निर्धारण नहीं हुआ है. झामकोफेड की ओर से फरवरी में भेजा गया प्रस्ताव अभी कल्याण विभाग में लंबित है.