सरायकेला: सरायकेला के खरकई नदी के तट पर झुमकेश्वरी मंदिर के पास ढाई करोड़ की लागत से नया बस स्टैंड बनाया गया था. यह उद्घाटन के एक साल बाद भी वीरान पड़ा है. स्टैंड में यात्री बसों का ठहराव नहीं हो रहा है. आज भी बस व सवारी गाड़ियों को पहले की तरह सड़कों के किनारे तहां-तहां खड़ी की जा रही है. सरायकेला से खरसावां, चाईबासा, जमशेदपुर, राजनगर व पड़ोसी राज्य ओडिशा के लिए बसें खुलती हैं.
स्टैंड तक पहुंचने के लिए नहीं है बाइपास सड़क
नगर विकास विभाग द्वारा नया बस स्टैंड का निर्माण किया गया है. बस स्टैंड में टिकट काउंटर से लेकर चहारदीवारी, यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, शौचालय सहित सभी सुविधा उपलब्ध हैं. इसके बाद भी यहां बसें नहीं जा रही हैं. बस संचालकों का कहना है कि जिस जगह स्टैंड का निर्माण किया गया है वहां जाने के लिए बाइपास सडक नहीं है. मुख्य बजार से होकर बस स्टैंड तक जाना खतरे से खाली नहीं है. एक तो अतिक्रमण से सडक संकीर्ण हो गयी है ऊपर से बाजर में भीड़ से आये दिन जाम रहता है. इस कारण स्टैंड तक बस नहीं ले जाते हैं.
सही जगह पर नहीं बना स्टैंड
बस संचालकों का कहना है कि स्टैंड का निर्माण जिस जगह पर हुआ है वहां तक पहुंचने के लिए वाहनों को अतिरिक्त छह किमी की दूरी तय कर जाना होगा. इससे समय की काफी बर्बादी होगी. ईंधन की भी क्षति होगी. संचालकों ने कहा कि बस स्टैंड को मुख्य सड़क किनारे जगह चिह्नित कर बनाया जाता तो उपयोगिता सार्थक होती.
कोट
बस स्टैंड बन कर तैयार है, जल्द ही बसों व मैक्सी टैक्सी का वहां ठहराव हो इसके लिए विभाग प्रयासरत है. महेश जारिका, सिटी मैनेजर सरायकेला नगर पंचायत