Saraikela News : एक साल में सर्पदंश से 220, कुत्ता काटने से 618 लोग घायल

सरायकेला. बंदर, बिल्ली व भालू के हमले के शिकार 240 लोग पहुंचे अस्पताल

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 12:24 AM
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सरायकेला.सरायकेला-खरसावां जिले में सर्पदंश, कुत्ता काटने व अन्य जानवरों के हमलों की संख्या में इजाफा हुआ है. सालभर में 220 लोग सर्पदंश, कुत्ता के काटने से 618 व अन्य जानवरों जैसे बंदर, बिल्ली, भालू के हमले से 240 लोग घायल हुए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सभी घायल इलाज के बाद स्वस्थ हो गये.

ईंट भट्ठा में काम करने वाले मजदूर को सांप ने काटा, अस्पताल पहुंचा

सीनी के एक ईंट भट्ठा में काम करने वाले रोहित मछुआ (19) को सांप ने काट लिया. घटना के बाद रोहित को सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है. घटना शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे की है. जानकारी के मुताबिक, रोहित चांडिल के दुलमी गांव का रहने वाला है. वह सीनी के ईंट भट्ठा में मजदूरी करता है. शुक्रवार की सुबह वह ईंट बनाने के लिए रखी मिट्टी में पाइप से पानी दे रहा था. इसी दौरान उसे सांप ने काट लिया. घटना के तुरंत बाद उसे बाइक से सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया, जहां जांच के बाद उसे एंटीवेनम दिया गया.

एक कुत्ते ने 62 लोगों को बनाया शिकार

सदर अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक सर्पदंश के कुल 220 मरीज अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उनका उपचार किया. वहीं एक वर्ष में 618 लोग कुत्ता काटने के शिकार हुए हैं. दिसंबर में सरायकेला शहरी क्षेत्र में एक कुत्ते ने 62 लोगों को अपना शिकार बनाया था. कुत्ता के काटने के बाद घायलों को सदर अस्पताल लाया गया, जहां वैक्सीन दिया गया. वहीं, एनिमल बाइट जिसमें बिल्ली, बंदर,भालू सहित अन्य जानवरों के काटने से एक वर्ष में 240 लोग सदर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे.

विष को शरीर में फैलने से रोकता है इम्यूनोग्लोबुलिन

सीएस डॉ अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सरायकेला में आइजीजी (इम्यूनोग्लोबुलिन) दवा उपलब्ध है. यह एंटी रेबिज वैक्सीन के साथ पहले डोज में दिया जाता है. यह दवा झारखंड के बाकी जिलों में उपलब्ध नहीं है. कुत्ता के काटने पर आइजीजी दवा देने से उसका विष शरीर में नहीं फैलता है. यह दवा विष को निष्क्रिय कर देता है.

कोट

सरायकेला सदर अस्पताल सहित सभी सीएचसी में एंटीवेनम व एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध है. कुत्ता काटने या सर्पदंश के शिकार मरीज को उक्त दवा दी जाती है. – डॉ अजय कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन सरायकेला खरसावां

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