सरायकेला सदर अस्पताल में मिलीं कमियों को जल्द दूर करें : केंद्रीय टीम
केंद्रीय टीम ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण, टीम ने सिविल सर्जन व अन्य विभागों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, मरीजों को सभी मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराने पर जोर
सरायकेला. स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत गुरुवार व शुक्रवार को केंद्रीय रैपिड असेस्मेंट टीम ने सदर अस्पताल सरायकेला का निरीक्षण किया. नयी दिल्ली से आयी टीम में शामिल डॉ आनंदी बिष्ट ने सदर अस्पताल के सभी विभागों के प्रभारी के साथ सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक की. सदर अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली. डॉ बिष्ट ने अस्पताल के ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, मेडिसिन कक्ष, लेबोरेट्री, एक्स-रे कक्ष, लेबर रूम, महिला व पुरुष वार्ड सहित सभी वार्डों का निरीक्षण किया. टीम ने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं को बेहतर बताया. कुछ जगहों पर कमियां मिलीं, जिसे नियत समय में ठीक करने का निर्देश दिया.
स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जायेगी रिपोर्ट
डॉ आनंदी बिष्ट ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से देश के 25 प्रतिशत अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के अधीन करना है, ताकि मरीजों को सभी मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सके. इसके लिए सरकार की ओर से अस्पतालों के लिए कुछ मानक तय किये गये हैं. उन्हीं मानक बिंदुओं पर अस्पताल की जांच हो रही है. जांच के उपरांत विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मंत्रालय को भेजी जायेगी.
एनक्यूएएस के लिए 70% से अधिक अंक जरूरी
सदर अस्पताल प्रबंधक संजीत रॉय ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की तीन स्तर पर जांच की जाती है. इसमें जिला, राज्य व केंद्र स्तर पर टीम मूल्यांकन करती है. इस क्रम में अस्पताल के सभी विभागों को 70% से अधिक अंक प्राप्त होने पर एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है