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कोराेना इंपैक्ट : आर्थिक तंगी ने राष्ट्रीय तीरंदाज शिवकुमार को छुड़ाया खेल, मिट्टी बर्तन बनाने को है मजबूर

कोराेना इंपैक्ट : सरायकेला- खरसावां अंतर्गत खरसावां के कुम्हारसाई टोला का शिवकुमार कुंभकार अब तीरंदाजी से दूर अपने गांव में पुस्तैनी मिट्टी के बर्तन बनाने का काम कर रहा है. शिवकुमार कुंभकार आगे भी अपना प्रिय खेल तीरंदाजी को जारी रखना चाहता है, लेकिन घर की आर्थिक कमजोरी उसके मार्ग में बाधा डाल रही है. शिवकुमार राज्य और राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी प्रतियोगिता में कई मेडल जीत चुका है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2020 3:48 PM

कोराेना इंपैक्ट : सरायकेला-खरसावां (शचिंद्र कुमार दाश) : सरायकेला- खरसावां अंतर्गत खरसावां के कुम्हारसाई टोला का शिवकुमार कुंभकार अब तीरंदाजी से दूर अपने गांव में पुस्तैनी मिट्टी के बर्तन बनाने का काम कर रहा है. शिवकुमार कुंभकार आगे भी अपना प्रिय खेल तीरंदाजी को जारी रखना चाहता है, लेकिन घर की आर्थिक कमजोरी उसके मार्ग में बाधा डाल रही है. शिवकुमार राज्य और राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी प्रतियोगिता में कई मेडल जीत चुका है.

घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण शिवकुमार अब तीरंदाजी को छोड़ कर घर के पुस्तैनी व्यवसाय से जुड़ गया है. साथ ही घर के खेती-बारी का काम भी कर रहा है. घर में मां, पिताजी के अलावा 3 भाई एवं 1 बहन है. पिता भीमसेन कुंभकार (65 वर्ष) भी शारीरिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं. ऐसे में घर चलाने की बड़ी जिम्मेवारी शिवकुमार के ऊपर है.

राष्ट्रीय तीरंदाज शिवकुमार ने बताया कि पारिवारिक जिम्मेवारी के कारण न चाहते हुए भी वह तीरंदाजी से दूर होते जा रहा है. परिवार वालों के भरण-पोषण की जिम्मेवारी उसके ऊपर है. इस कारण अब वह पूरी तरह से अपने घर के पुस्तैनी व्यवसाय से जुड़ गया है. कहना है कि सरकार या प्रशासन से सहयोग नहीं मिला, तो आगे घर की स्थिति को देखते हुए न चाहते हुए भी तीरंदाजी को छोड़ना पड़ेगा.

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13 साल की उम्र से तीरंदाजी कर रहा है शिवकुमार

कुम्हारसाई का शिव कुमार करीब 13 साल की आयु से तीरंदाजी कर रहा है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा द्वारा खरसावां के दामादिरी मैदान में संचालित तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र में जा कर शिवकुमार ने वर्ष 2011 में पहली बार प्रशिक्षण लेना शुरू किया. कोच बीएस राव और हिमांशु मोहंती से प्रशिक्षण लेते हुए 1 साल बाद ही शिवकुमार ने पदक पर कब्जा जमाया. वर्ष 2012 में 10वां स्टेट आर्चेरी चैंपियनशीप में स्वर्ण और कांस्य तथा अंतिम बार वर्ष्ज्ञ 2019 में 13वां स्टेट आर्चरी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल समेत कई मेडल जीता है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक भी अपने नाम कर चुका है.

रिवार्ड के पैसे से खरीदा था रिकर्व धनुष

राष्ट्रीय तीरंदाज शिवकुमार ने बताया कि वर्ष 2015 में उसे सरकार की ओर से करीब 36 हजार रुपये का रिवार्ड मिला था. इस राशि के साथ- साथ महिला समिति से करीब 60 हजार रुपये का ऋण लेकर शिवकुमार ने एक रिकर्व धनुष खरीदा था. इसकी कीमत करीब 1 लाख रुपया है. तीरंदाजी संघ की अध्यक्ष मीरा मुंडा ने अपने स्तर से शिवकुमार को तीर और अन्य खेल उपकरण उपलब्ध कराये थे. शिव कुमार का खरीदा हुआ धनुष अब भी उसके घर में है.

अर्जुन मुंडा को पत्र लिख कर किया नियोजन की मांग

तीरंदाज शिव कुमार ने केंद्रीय मंत्री सह भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा को पत्र लिख कर अपने खराब आर्थिक हालात से अवगत कराया है. शिवकुमार ने पत्र में कहा है कि घर की खराब आर्थिक स्थिति के कारण उसेपरिवार के भरण-पोषण के लिए अपने पुस्तैनी व्यवसाय मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य करना पड़ रहा है. इस कारण मेरा खेल प्रभावित हुआ है. आगे अपने तीरंदाजी को जारी रखने के लिए कहीं भी नियोजित कराने की गुहार लगायी है.

आर्थिक हालात ने तीरंदाज बेटे को मिट्टी का बर्तन बनाने में उलझाया : भीमसेन कुंभकार

शिव कुमार के पिता भीमसेन कुंभकार ने बताया कि उनकी चाहत है कि बेटा तीरंदाजी में आगे बढ़े, लेकिन घर की आर्थिक हालात उससे कुछ और ही करवा रही है. घर चलाने की जिम्मेवारी शिवकुमार के कंधों पर है. लॉकडाउन केकारण इस वर्ष मिट्टी के बर्तनों की भी बिक्री ढंग से नहीं हुई. कहते हैं कि शादी-ब्याह और पूजा में लगने वाले मिट्टी का बर्तन भी कोविड़-19 के कारण काफी कम बिक रहे हैं. ऐसे में परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी हो रही है. सरकार सहायता करें, तभी शिवकुमार आगे खेल पायेगा.

शिवकुमार की उपलब्धियां

वर्ष 2012 में 10वां स्टेट आर्चरी चैंपियनशिप (बोकारो) में स्वर्ण और कांस्य पदक. इसके अलावा वर्ष 2013 में 58वें नेशनल स्कूल गेम्स आर्चरी चैंपियनशिप (कोलकाता) में रजत एवं कांस्य, 33वां सब जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप (बंगलुरू) में स्वर्ण, 36वां जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप (असम) में रजत, वर्ष 2014 में 34वां सब जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप (हरियाणा) में स्वर्ण एवं रजत, 37वां जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप (विजयवाड़ा) में स्वर्ण, 59वां नेशनल स्कूल गेम्स आर्चरी चैंपियनशिप (आंध्र प्रदेश) में रजत एवं कांस्य, वर्ष 2016 में सीनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप (झारखंड) में कांस्य पदक जीता है. वर्ष 2015 में रांची में आयोजित 61वां नेशनल स्कूल गेम्स में झारखंड की टीम से भाग ले चुका है. वहीं, वर्ष 2020 में भुवनेश्वर में आयोजित खेलो इंडिया में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया.

Posted By : Samir ranjan.

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