समय पर नहीं मिल रहा राशन, बंद होने के कगार पर दाल-भात केंद्र
जिले के 13 केंद्रों में राशन नहीं मिलने से केंद्र संचालन में एसएचजी को परेशानी आ रही है. इस संबंध में सीएचजी ने विभाग से शिकायत की है.
जिले के 13 केंद्रों में राशन नहीं मिलने से केंद्र संचालन में एसएचजी को परेशानी आ रही है. इस संबंध में सीएचजी ने विभाग से शिकायत की है.
सरायकेला. गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए मात्र पांच रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध करा रहे जिला में संचालित 13 दाल भात केंद्र समय पर राशन उपलब्ध नहीं कराये जाने से बंद होने के कगार पर पहुंच गये हैं. संचालक जैसे-तैसे केंद्र का संचालन करने को मजबूर हैं. दिसंबर माह खत्म होने को है, लेकिन अब तक इस माह का राशन नहीं मिला है. केंद्र संचालकों की माने तो नवंबर माह में जो राशन उपलब्ध कराया गया था, उसमें गुणवत्ता का अभाव था. चावल, बड़ी व चनादाल में कीड़े लगे हुए थे. इसकी शिकायत विभाग से की है. नवंबर का राशन दिसंबर महीने में मिला था, लेकिन दिसंबर का राशन कब मिलेगा यह तय नहीं है.राशन के अभाव में नवंबर में बंद हो गये थे कई केंद्र
राशन के अभाव में जिला में संचालित दाल- भात केंद्र नवंबर माह में बंद हो गये थे. केंद्र बंद होंने की जब शिकायत संचालकों ने आपूर्ति विभाग से की उसके बाद विभाग की पहल पर केंद्र फिर खोला गया था और समय पर राशन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. परंतु फिर वही स्थिति बन गयी हैदाल -भात केंद्र में पांच रुपये में खिलाना है भरपेट भोजन
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी दाल- भात योजना के तहत पांच रुपये में गरीबों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है. इसमें सरकार की और से चावल, सोया बड़ी व चना दिया जाता है. जबकि पांच रुपये के सहयोग राशि से महिला स्वयं सहायता समूह संचालकों को दाल सहित अन्य सामानों की खरीद करनी होती है. प्रत्येक केंद्र में दो से तीन सौ लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाना होता है. प्रत्येक व्यक्ति के लिए दौ सौ ग्राम चावल के हिसाब से संचालकों को राशन दिया जाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है