इको सेंसेटिव जोन में आने वाले एक भी गांव नहीं हटेंगे : रेंजर

दलमा. इको सेंसेटिव जोन को लेकर रेंजर ने मुखियों संग की बैठक

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2024 12:17 AM

गांव के विकास को लेकर टीम करेगी सर्वेप्रतिनिधि, चांडिल.

चांडिल प्रखंड के माकुलाकोचा स्थित दलमा गेस्ट हाउस में मंगलवार को चांडिल व नीमडीह प्रखंड के मुखियों के साथ रेंजर दिनेश चंद्रा ने इको सेंसेटिव जोन को लेकर बैठक की. रेंजर दिनेश चंद्रा ने इको सेंसेटिव जोन को लेकर चल रहे अफवाहों पर मुखियों को जानकारी दी. रेंजर ने कहा कि इको सेंसेटिव जोन के दायरे में आने वाले किसी भी गांव को वन विभाग नहीं हटायेगा. न ही घर-मकान बनाने में किसी तरह की आपत्ति करेगा. पहले जैसा ही गांव यथावत रहेगा. वन विभाग गांवों के विकास के लिए कार्य करेगा. विभाग गांव के रोड-रास्ते, नाला, शुद्ध पेयजल मुहैया करायेगा. इसे लेकर टीम गांव-गांव में सर्वे करेगी. कहा कि कुछ लोग राजनीति लाभ के लिए इको सेंसेटिव जोन का गांव में गलत प्रचार कर रहे हैं. रेंजर ने कहा कि हम 85 गांवों को नहीं हटाया जायेगा. अपने हिसाब से लोग घर बना सकते हैं. इस अवसर पर आदरडीह के मुखिया सुभाष सिंह, बाड़ेदा के मुखिया वरुण कुमार सिंह, रुदिया के मुखिया सुबधनी माहली, लुपुंगडीह के मुखिया प्रतिनिधि भोला सिंह सरदार, राजा मांझी, निखिल महतो आदि उपस्थित थे.

क्या है इको सेंसेटिव जोन

रेंजर दिनेश चंद्रा ने कहा कि 2012 में इको सेंसेटिव जोन का गठन किया गया. भारत वर्ष के सेंचुरी व नेशनल पार्क के जीव-जंतुओं को बचाने व पर्यावरण की रक्षा को लेकर इको सेंसेटिव जोन बनाया गया था. इको सेंसेटिव जाेन में आने वाले गांव के लोगों को विकसित करना उद्देश्य है. इको सेंसेटिव जोन में किसी तरह का उद्योग, क्रशर, बड़ी-बड़ी इमारतें नहीं रहेंगी. बाकि इस जोन में सारी चीजें रहेंगी.

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