सरायकेला. जिला समाहरणालय स्थित सभागार में गुरुवार को उपायुक्त सह राजकीय छऊ कला केंद्र, सरायकेला के अध्यक्ष रविशंकर शुक्ला की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इसमें राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के सफल संचालन पर चर्चा हुई. समिति के सदस्य व कलाकारों को एकमत होकर आपसी सामंजस्य स्थापित कर सांस्कृतिक धरोहर छऊ के विकास पर कार्य करने की बात कही. डीसी ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध छऊ कला के विकास के लिए नृत्य, वाद्ययंत्र, मुखौटा निर्माण आदि से जुड़ी नयी पीढ़ी को प्रशिक्षण देने व छऊ के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले गुरुओं की डॉक्यूमेंट्री तैयार करने को कहा.
छऊ मास्क को जीआइ टैग देने की मांग
बैठक समिति के सदस्यों व कलाकारों के साथ बिंदुवार चर्चा की. प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से ‘छऊ’ कला से जुड़े कलाकारों की सूची तैयार करने, चिह्नित छऊ कलाकारों का पहचान-पत्र बनाने, छऊ मास्क को जीआइ टैग उपलब्ध कराने, छऊ कला प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने व सर्व सम्मति से पुनः समिति चयन पर चर्चा की गयी.
छऊ कला के विकास पर मिले सुझाव
डीसी ने कलाकारों से ‘छऊ’ कला के विकास को लेकर सुझाव मांगा. सदस्यों ने छऊ कला क्षेत्र में संगीत व संगीतकार को स्थान उपलब्ध कराने, सिलेबस तैयार करने, जिले में बंद पड़े तीन कला केंद्र को पुनः प्रारम्भ करने, राजकीय पर्व में सभी कलाकारों को समान रूप से सम्मानित करने व समिति गठन में सभी की सहमति सुनिश्चित करने की बात रखी.
कलाकारों को संगठित कर छऊ का विकास होगा
उपायुक्त ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य कलाकारों को संगठित कर छऊ का विकास करना है. “छऊ ” कला से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी कलाकार छऊ के विकास पर चर्चा करें, ताकि आने वाले समय में बेहतर समन्वय स्थापित कर त्योहार पूर्ण वातावरण में स्थानीय रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना सम्पन्न कराया जा सके. मौके पर एसडीओ सह सचिव सुनील कुमार प्रजापति, बीडीओ सह निर्देशक यस्मिता सिंह और कई कलाकार उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है