सरायकेला (शचीन्द्र दाश/प्रताप मिश्रा) : पद्मश्री मंगला चरण मोहंती का शुक्रवार को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया. पद्मश्री मंगला चरण महांती के निधन पर सरायकेला में शोक की लहर दौड़ पडी है. पद्मश्री मंगला चरण महांती की गिनती छऊ के विशेषज्ञों में होती थी. बताया जाता है कि स्व मोहंती महज 12 वर्ष की आयु में छऊ सीखने लगे और देखते ही देखते छऊ में कुछ वर्षो में छऊ पारंगत हो गये.
उस दौर के कलाकार बताते हैं कि पद्मश्री मंगला चरण महांती के नृत्य देखने के छऊ अखाड़े में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती थी. पद्मश्री मंगला चरण महांती ने छऊ के जरिये देश-विदेश के अन्य भाषा-संस्कृति वाले लोगों को भी अपनी और आकर्षित किया था. सरायकेला-खरसावां के कलाकारों ने उनके निधन पर दुख जताते हुए इसे अपुरणीय क्षति करार दिया है.
स्व महांती को छऊ कला के विकास में अतुलनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2008 को पद्मश्री सम्मान से नवाजा था. इसके अलावे उन्हें कई अन्य मंचों पर भी सम्मानित किया जा चुका है. पिछले कुछ वर्षो से स्व महांती जमशेदपुर के कदमा में रहते थे और समय समय पर सरायकेला आते थे. उनका छऊ से जुडाव बचपन से ही था. स्व महांती पद्मश्री शुधेंद्र नरायण सिंहदेव, केदारनाथ साहु, मकरध्वज दारोघा जैसे कलाकारों के समकालीन थे. वे देश स्तर पर ही नही अपितु सात समंदर पार कई देशों में छऊ की सतरंगी छटा बिखेर चुके थे.
स्व महांती छऊ कला के लिए पूरा जीवन सर्मपित कर दिये और द्वारा छऊ के विकास में किये गये प्रयास को कभी भुलाया नही जा सकता है. जीवन के अंतिम क्षण तक छऊ नृत्य के लिये कार्य करते रहे. छऊ के विकास एवं इसके संरक्षण को लेकर भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्य का मंत्री चम्पई सोरेन, विधायक दशरथ गागराई, उपयुक्त इकवाल आलम, छऊ गुरु तपन पटनायक आदि ने स्व मोहन्ती के निधन पर शोक प्रकट किया है.
छऊ गुरू सह पद्मश्री मंगला चरण महांती के निधन पर झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन ने छऊ के लिए अपुरणीय क्षति करार दिया है. मंत्री सोरेन ने कहा कि उनके निधन से सरायकेला छऊ के एक युग का अंत हो गया है. उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति शोक प्रकट करते हुए परिजनों को इस दुख की घड़ी में भगवान सहने की शक्ति दे.
राजकिय छऊ कला केंद्र के निर्देशक तपन पट्टनायक ने कहा कि पद्मश्री मंगला चरण महांती का निधन से पुरा कलाकार समाज मर्माहत है एवं शोकाकुल है. उनका निधन से सरायकेला छऊ ने एक उन्नत कलाकार एवं गुरू को खो दिया है जिसकी भरपाई कभी संभव नही है.उनके साथ किये गये नृत्य को याद करते हुए कहा कि वे काफी अच्छे कलाकार के साथ साथ गुरू भी थे. भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें.
पद्मश्री पं गोपाल दुबे ने पद्मश्री मंगला चरण महांती के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन से सरायकेला छऊ में एक अच्छे कलाकार व गुरू की हमेशा कमी रहेगी. उनके निधन से पुरा कलाकार वर्ग दुखी है. सरायकेला छऊ के विकास में उनके अतुलनीय योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता है. भगवान परिजनों को इस दुख को सहने की ताकत दें व दिवंगत आत्मा को शांति मिले.
posted by : sameer oraon