खरसावां.चक्रधरपुर रेलमंडल के महालीमुरुप रेलवे फाटक पर अंडरपास (अंडरब्रिज) बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग होने से अप, डाउन व थर्ड लाइन पर रोजाना 24 घंटे में करीब 180 से 200 मालवाहक व सवारी ट्रेनें गुजरती हैं. लगातार ट्रेनों की आवाजाही से रेलवे फाटक बंद रहता है. ऐसे में रेलवे फाटक के दोनों ओर वाहनों का जाम लग जाता है. इस फाटक का इस्तेमाल मुरुप, कमलपुर, चिलकु पंचायत के दर्जनों गांव के सैकड़ों लोगों हर दिन आवागमन के लिए करते हैं. स्थानीय लोगों ने उक्त रेलवे फाटक को बंद कर अंडरपास बनाने की मांग की है. इसे लेकर पूर्व में भी मंडल रेल प्रबंधक, जिला के उपायुक्त समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा गया है.
इमरजेंसी में भी नहीं खुलता है फाटक
महालीमुरुप रेल फाटक का लॉक स्टेशन मास्टर से कंट्रोल होने से गेटमैन इमरजेंसी में भी बंद फाटक को नहीं खोल सकता है. खासकर गंभीर मरीजों को अस्पताल ले जाने में परेशानी का सामान करना पड़ता है.
इन गांवों के लोग करते हैं आवागमन
महालीमुरुप रेलवे फाटक से मुरुप, जगन्नाथपुर, रेंगूडीह नारायणडीह, गुराडीह, बाकसाई, बड़गांव, पड़ियाबादी, धातकीडीह, आमडीहा, सांडेबुरु, रेंगोगोड़ा, बुरुघुटू, बलरामपुर, संतारी, लालबाजार, चिलकु, बंदीराम समेत विभिन्न गांव के लोग आवागमन करते हैं. फाटक बंद होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है.कोट :
पिछले दिनों यहां अंडरपास बनाने की मांग को लेकर डीआरएम को ज्ञापन सौंपा गया है. -हेमसागर प्रधान, युवा सामाजिक कार्यकर्ता, महालीमुरुप
कभी-कभी तो फाटक खुलने का आधा घंटा तक इंतजार करना पड़ता है. अंडरपास बनाने से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. -तपन कुमार मंडल, ग्रामीण, धातकीडीहलगातार ट्रेनों के आवागमन से अक्सर फाटक बंद रहता है. फाटक बंद होने से इमरजेंसी केस में मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत होती है. -राजेंद्र प्रधान, ग्रामीण, जगन्नाथपुर
अंडरपास बनने से लोगों को जाम से मुक्ति मिल जायेगी. आवागमन में सहूलियत होगी. कई बच्चे भी जाम में फंसने से स्कूल पर स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं. -अनिता प्रधान, पंचायत समिति सदस्या, मुरुपडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है