चांडिल : लोग शिकार की परंपरा निभाएं, दलमा व वन्य जीवों को बचाएं
वन्य जीवों के शिकार रोकने के लिए वन विभाग ने की बैठक, दलमा की रक्षा के साथ-साथ ग्रामीणों का विकास जरूरी, गांवों में नाला बनाकर खेतों में पानी पहुंचाने का काम हो रहा, दलमा को पर्यटन स्थल के रूप में और विकसित किया जायेगा
चांडिल. चांडिल स्थित वाइल्डलाइफ सेंचुरी (वन्यजीव अभयारण्य) दलमा के माकुलाकोचा परिसर में गुरुवार को वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने बैठक की. इसमें विशु शिकार पर्व (20 मई) पर शिकार रोकने की रणनीति बनी. बैठक में इको विकास समितियों के साथ वन विभाग की टीम शामिल रही. वन विभाग के सीसीएफएसआर नटेस्ट, डीसीएफ व दलमा रेंज के रेंजर दिनेश चंद्रा शामिल हुए. इस दौरान सीसीएफएसआर नटेस्ट ने बताया कि दलमा की रक्षा के साथ-साथ ग्रामीणों का विकास करना है. गांवों में नाला बनाकर खेतों में पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
बाहरी लोग वातावरण कर रहे खराब
उन्होंने कहा कि बाहरी लोग यहां के वातावरण को खराब करने की कोशिश करते हैं. इसके लिए यहां के लोगों को जागरूक होना होगा. दलमा को पर्यटन स्थल के रूप में और विकसित किया जायेगा. यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि यहां लोग विशु शिकार की परंपरा निभाएं. पूजा-पाठ करें और दलमा को संरक्षण दें. किसी प्रकार की जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचायें.
विशु शिकार के दिन दलमा में बनेंगे 11 चेकपोस्ट
विशु शिकार पर्व के दिन दलमा में कुल 11 चेक पोस्ट लगाये जाएंगे. दलमा जाने के 17 मार्गों पर वन विभाग के टीम का गश्ती रहेगा. हर चेक पोस्ट एवं गश्ती दल के साथ वन विभाग के टीम के साथ गांव के लोग मौजूद रहेंगे.
तीन जिलों के डीएफओ रहेंगे, सीमावर्ती क्षेत्र में नाकाबंदी रहेगी
शिकार के दिन सरायकेला, चाईबासा, जमशेदपुर के डीएफओ रहेंगे. रांची, खूंटी, गुमला, चाईबासा, जमशेदपुर व सरायकेला जिला के अतिरिक्त वन विभाग की टीम मौजूद रहेगी. पुलिस टीम भी रहेगी. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला व मेदिनीपुर जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में नाकाबंदी रहेगी.
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