सरायकेला में गर्मी दिखा रहा है रौद्र रूप, पारा 43 के पार, दो की मौत, जानें कैसे बचें लू से
सरायकेला में लू के कारण दो लोगों की जान चली गई है. इन दिनों दोपहर में पारा 43 डिग्री के पार जा रहा है. ऐसे में दिनभर सड़कें सुनसान दिख रही है.
सरायकेला: जेठ माह में भगवान भास्कर ने फिर से रौद्र रूप धारण कर लिये हैं. तेज धूप व लू से जहां लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. वहीं दिन में तापमान के 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाने के कारण जन जीवन बेहाल हो गया है.अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में मौसम ने अपना मिजाज तल्ख किया था जिसके कारण तापमान 44 डिग्री के पार चला गया था. तापमान के बढ़ने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया था.एक माह बाद मई माह के अंतिम सप्ताह में भी मौसम ने एक बार फिर से तल्खी दिखाने लगा है. भीषण गर्मी से लू की चपेट में आने के कारण सरायकेला सदर अस्पताल में गुरूवार को तीन लोगों को भर्ती कराया गया. इनमें से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक का इलाज चल रहा है. जिन लोगों की मौत हो गयी है उनमें लखन बेहरा 55 वर्ष खरसावां के बेहरासाही निवासी हैं. वहीं दूसरा सरायकेला के जोरड़ीह गांव के गुरूवा नायक 28 वर्ष है. लू लगने के कारण परिजनों द्वारा उन्हें सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत्त घोषित कर दिया. जबकि सरायकेला के गुमानडीह निवासी कुमारी सरदार 35 वर्ष का इलाज चल रहा है.
दिन में सड़के रहीं सुनसान
भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही एक बार फिर से सुबह के 10 बजते ही सड़कें सुनसान हो जा रहीं हैं. लोगों का आवागमन बंद हो रहा है और वे घर में दुबकने को मजबूर हो जा रहे हैं. बहुत जरूरी होने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं. बहुत जरूरी काम होने पर लोग अपने घरों से निकल रहे हैं.
सदर अस्पताल में पहुंचने लगे लू के शिकार
गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही सदर अस्पताल सरायकेला में एक बार फिर से गर्मी व लू के शिकार मरीज पहुंचने लगे हैं.बुधवार की शाम को सदर अस्पताल के इमरजेंसी में लू के शिकार मरीज को लाया गया था जहां से चिकित्सकों ने उसका उपचार कर घर भेज दिया है.
कैसे बचाव करें लू से
सरायकेला सदर अस्पताल के डॉ चंदन कुमार ने गर्मी और लू से बचने के लिए कई अहम सुझाव दिए.
- कभी भी खाली पेट न रहें.
- ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहें.
- दोपहर को बाहर न निकलें
- अगर आवश्यक हो तो पूरा शरीर ढककर बाहर निकलें
- तरल पदार्थ जैसे निंबू पानी, ओआरएस, गन्ने का शरबत, आम पन्ना, बेल का शरबत, संतरे या मौसमी का शरबत , सत्तू आदि पिएं.
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