राजनगर : चामी मुर्मू के पैतृक गांव में मना जश्न, मिठाई बंटी
द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित हुईं
राजनगर. राजनगर प्रखंड अंतर्गत भुरसा गांव निवासी सुश्री चामी मुर्मू गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित हुईं. इससे चामी मुर्मू के पैतृक गांव भुरसा व बाघरायसाई में जश्न का माहौल है. शुक्रवार को मिठाई बांटी गयी. ज्ञात हो कि सुश्री चामी मुर्मू वर्ष 2020 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के हाथों पुरस्कृत हुई. वर्ष 1996 में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र पुरस्कार मिला. 1999 में सामाजिक समन्वय समिति चाईबासा की ओर से चाईबासा रत्न, सिंहभूम क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक चाईबासा की ओर से अभिनंदन पत्र, आदिवासी एसोसिएशन की ओर से सम्मान पत्र, भारतीय जननाट्य संस्था चाईबासा की ओर से सफदर हाशमी सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी हैं. मौके पर सहयोगी महिला के सचिव जवाहरलाल महतो ने कहा कि गांव की एक साधारण महिला ने अच्छे कार्य से नाम रौशन किया है. देवला बास्के ने कहा कि सहयोगी महिला के गठन के समय से हमलोग एक साथ हैं. बसंती मुर्मू ने कहा कि हमलोग काफी खुश हैं. मालूम हो कि सुश्री चामी मुर्मू पेड़-पौधे को अपनी संतान मानती हैं. वर्ष 2010 से 2017 तक आदिम जनजाति की गरीब बच्चियों को शिक्षित करने के लिए सहयोगी महिला बाघरायसाई में विद्यालय स्थापित की. गरीब बच्चों के खान पान, रहन सहन में बदलाव लाया. चामी मुर्मू अभी तक 30 हजार महिला समूहों का गठन कर चुकी हैं. चामी मुर्मू का मानना है कि राजनगर प्रखंड के अधिकतर लोग कृषि पर निर्भर हैं. किसानों के लिए समय समय पर कृषि विशेषज्ञ या कृषि वैज्ञानिक के की ओर से नि: शुल्क में कृषि के गुर सिखाए जाते हैं.
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