सरायकेला-खरसावां, हिमांशु गोप : जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद चांडिल डैम में क्रैश हुए ट्रेनी विमान को भारतीय नौसेना ने सातवें दिन चांडिल डैम की तलहटी से बाहर निकाल लिया है. मंगलवार को दिन में उड़ान भरने के आधे घंटे बाद करीब 11:30 बजे यह विमान चांडिल डैम में जा गिरा था. एनडीआरएफ की टीम जब विमान को तलाशने में विफल रही, तो नौसेना को बुलाना पड़ा. सोमवार (26 अगस्त) की सुबह 10:20 मिनट पर भारतीय नौसेना की टीम चांडिल डैम में घुसी और देर रात विमान के मलबे को बाहर निकाल लिया.
रविवार को नौसेना की टीम को मिली थी विमान को ढूंढ़ने में सफलता
रविवार को ही नौसेना की टीम ने विमान की तलाश लगभग पूरी कर ली थी. उस जगह को चिह्नित कर लिया था, जहां विमान के होने की संभावना जताई जा रही थी. इसके बाद सोमवार को टीम चांडिल डैम में घुसी और काफी देर के प्रयास के बाद दुर्घटनाग्रस्त ट्रेनी विमान को पानी से बाहर निकाल लिया गया. विमान नीमडीह के कोयलागढ़ स्थित प्राचीन कालीन शिव मंदिर (जो अभी जलमग्न है) के पास बनगोड़ा गांव में मिला. रविवार को नोसेना की टीम एक तीन फिट का मलबा बाहर लाई थी. करीब 12 घंटे के अथक प्रयास के बाद भारतीय नोसेना की टीम को आज दुर्घटनाग्रस्त विमान को बाहर निकालने में सफलता मिली.
कैसे मिली जलमग्न विमान को निकालने में मिली सफलता?
सोमवार को चिह्नित लोकेशन पर नौसेना की टीम विमान के वजन से अधिक क्षमता वाला गुब्बारा ले गई. नौसेना की टेक्निकल टीम चांडिल डैम की गहराई में गई और विमान को चारों ओर से रस्सी से बांधकर गुब्बारे के सहारे धीरे-धीरे बाहर लाई. नौका विहार चांडिल डैम से क्रेन के सहारे इसे ट्रक पर चढ़ाया जा रहा है. उसके बाद विमान को जमशेदपुर ले जाया जाएगा.
सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद चांडिल डैम में क्रैश हुआ
मंगलवार (20 अगस्त 2024) की सुबह करीब साढ़े 11 बजे जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से टेकऑफ करने के आधे घंटे बाद से अलकेमिस्ट एविएशन का ट्रेनिंग विमान लापता हो गया था. बाद में पता चला कि यह चांडिल डैम में क्रैश हो गया. गुरुवार की सुबह चांडिल डैम के मछुआरे व चांडिल डैम नौका विहार के कर्मियों ने नीमडीह थाना क्षेत्र के विस्थापित गांव किष्टोपुर से डैम के किनारे ट्रेनी पायलट शुभ्रतो दत्त का शव देखा. गुरुवार की ही शाम को ट्रेनर जीत सतारु का भी शव बरामद हुआ. इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. बाद में भारतीय नौसेना की टीम बुलाई गई.