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Jharkhand Politics: चंपाई सोरेन ने BJP से जुड़ने का खोला राज, कहा- इस वजह से ‘कमल’ के साथ जाने का मन बनाया

पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने बीजेपी में शामिल होने की घोषणा तो कर ही दी है लेकिन अब उन्होंने बीजेपी से जुड़ने के कारण का खुलासा किया है.

सरायकेला, शचींद्र दाश / प्रताप मिश्रा : झामुमो से राह जुदा कर बीजेपी में शामिल होने की घोषणा करने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह सरायकेला से छह बार के विधायक चंपाई सोरेन ने कहा है कि आदिवासी अस्मिता एवं अस्तित्व को बचाने के संघर्ष में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला लिया है.

18 अगस्त को झामुमो से अलग होने की दी थी जानकारी

चंपाई सोरेन ने बयान जारी कर कहा है कि ’18 अगस्त को एक पत्र के जरिए उन्होंने झारखंड समेत पूरे देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी. उसके बाद, लगातार झारखंड की जनता से मिल कर, उनकी राय जानने का प्रयास करता रहा. कोल्हान क्षेत्र की जनता हर कदम पर मेरे साथ खड़ी रही, और उन्होंने ही सन्यास लेने का विकल्प नकार दिया.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पार्टी में कोई ऐसा फोरम/मंच नहीं था, जहां मैं अपनी पीड़ा को व्यक्त कर पाता तथा मुझ से सीनियर नेता स्वास्थ्य कारणों से राजनीति से दूर हैं.’

संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है : चंपाई सोरेन

पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा, ‘आज बाबा तिलका मांझी और सिदो-कान्हू की पावन भूमि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है. इस से दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं. इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी मां, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है.’

बांग्लादेशी आदिवासियों और मूलवासियों को आर्थिक तौर पर पहुंचा रहे नुकसान

सोरेन ने कहा कि आदिवासियों एवं मूलवासियों को आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर तेजी से नुकसान पहुंचा रहे इन घुसपैठियों को अगर रोका नहीं गया, तो संथाल परगना में हमारे समाज का अस्तित्व संकट में आ जायेगा. पाकुड़, राजमहल समेत कई अन्य क्षेत्रों में उनकी संख्या आदिवासियों से ज्यादा हो गई है. राजनीति से इतर, हमें इस मुद्दे को एक सामाजिक आंदोलन बनाना होगा, तभी आदिवासियों का अस्तित्व बच पाएगा.

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बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर बीजेपी गंभीर

बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर सिर्फ भाजपा ही गंभीर दिखती है और बाकी पार्टियां वोटों की खातिर इसे नजरअंदाज कर रही है. इसलिए आदिवासी अस्मिता एवं अस्तित्व को बचाने के इस संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला लिया है. चंपाई सोरेन ने झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं एवं आम लोगों के मुद्दों एवं अधिकारों के संघर्ष वाले इस नए अध्याय में लोगों से सहयोग अपेक्षा जताया है.

कब देंगे झामुमो से इस्तीफा ?

जानकारी के अनुसार राज्य के जल संसाधन मंत्री बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से राज्य के राजधानी रांची पहुंचेंगे. इसके बाद वे मंत्री पद से इस्तीफा देंगे. साथ ही जेएमएम की सदस्यता से भी इस्तीफा देंगे. 30 अगस्त को चंपई सोरेन बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे.

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