Jharkhand Politics: पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का छलका दर्द, बोले-शिक्षक नियुक्ति पत्र नहीं बांट सकने का है अफसोस
Jharkhand Politics: पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का आदित्यपुर और गम्हरिया पहुंचने पर समर्थकों ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पांच महीने के छोटे से कार्यकाल में राज्य के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कैबिनेट में योजनाओं को पास कराया. कार्यकाल छोटा रहा, लेकिन संतोषजनक रहा.
Jharkhand Politics: आदित्यपुर/गम्हरिया (सरायकेला खरसावां)-झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि पांच माह के अपने छोटे से कार्यकाल में राज्य के हर व्यक्ति के हित को ध्यान में रखकर मैंने कई काम किए. राज्य के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कैबिनेट में योजनाओं को पास कराया. जनता के बीच पहुंचने का प्रयास किया और राज्य के सभी समुदायों के लिए कुछ न कुछ योजना शुरू की. जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू करायी, लेकिन मुझे अफसोस है कि अपने हाथों से नियुक्ति पत्र नहीं बांट सका. शुक्रवार को वे अपने गृह जिले सरायकेला खरसावां के कांड्रा, गम्हरिया व आदित्यपुर पहुंचे, जहां समर्थकों ने उनका स्वागत किया.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार पहुंचे अपने विधानसभा क्षेत्र
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे चंपाई सोरेन अपनों से मिलकर भावुक हो गये. कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका हालचाल जाना. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा कि उनके हक और अधिकार के लिए शुरू की गयी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन पर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का भरोसा जताया.
जनहित में कई योजनाओं को किया लागू
चंपाई सोरेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने जनता की भावनाओं के अनुरूप कुछ अच्छी योजनाओं को भी लाने का प्रयास किया. महिलाओं के लिए माइ-कुई योजना लागू की. स्वास्थ्य व चिकित्सा के क्षेत्र में काम करते हुए सीएम अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना लाया, जिसमें 15 लाख रुपये तक के इलाज का प्रावधान है. साथ ही 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजना लागू की. सरकार ने सरायकेला-खरसावां जिले में दो डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया, ताकि उनमें शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा मिल सके.
सभी विभागों में बहाली का शिड्यूल बनवाया
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड अलग राज्य की स्थापना के बाद से वर्षों तक सरकारी विभागों में नियुक्तियां नियमित नहीं हुई थीं. इसके लिए उन्होंने सभी विभागों में बहाली के लिए शिड्यूल तय करवाया. जनजातीय भाषाओं के प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति अभी बाकी है. बांग्ला और क्षेत्रीय भाषाओं के संबंध में रिपोर्ट ली गयी. उन्होंने जनजाति साहित्य अकादमी को आगे बढ़ाया.
राजनीतिक टीका-टिप्पणी से किया इनकार
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने राजनीति से जुड़े मीडिया के सवालों पर कहा कि वे कभी भी राजनीतिक बयानों पर टीका-टिप्पणी नहीं करते हैं.
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