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Jharkhand Train Accident: 33 घंटा से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नहीं शुरू हो सका ट्रेनों का परिचालन

दुर्घटनाग्रस्त 12810 अप हावड़ा-मुंबई मेल के डब्बों को रेल पटरियों से हटाने का कार्य जारी है. इस कार्य में रेलवे के अधिकारियों से लेकर कर्मियों तक को लगाया गया है.

शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां : हावड़ा-मुंबई मुख्य मार्ग पर चक्रधरपुर रेल मंडल के राजखरसावां-बड़ाबांबो रेलवे स्टेशन के बीच रेल हादसे हुए 33 घंटे से अधिक का समय बीत गया, लेकिन अब तक ट्रेनों का परिचालन सामान्य रूप से नहीं हो सका है. जानकारी के मुताबिक अब भी इसके शुरू होने में 8-10 घंटे समय लग सकता है. बुधवार को देर रात तक इस लाइन में ट्रेनों का आवागमन सामान्य हो सकता है.

दुर्घटनाग्रस्त 12810 अप हावड़ा-मुंबई मेल के डब्बों को रेल पटरियों से हटाने का कार्य जारी है. इस कार्य में रेलवे के अधिकारियों से लेकर कर्मियों तक को लगाया गया है. चक्रधरपुर व बंडोमुंडा से उच्च क्षमता वाले क्रेन लाकर दुर्घटनाग्रस्त रेल के डब्बों के साथ साथ मलवा को हटाने का कार्य जारी है. समाचार लिखे जाने तक इस दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के 16 डब्बों को रेल पटरियों से हटाया जा चुका है. इंजन समेत अन्य डब्बों को हटाने का कार्य जारी है. राहत कार्य में अधिकारी से लेकर कर्मियों तक आपसी समन्वय बनाकर कार्य कर रहे हैं.

रात भर चला मलवा हटाने का कार्य

रेल हादसे के बाद से ही रेलवे, एनडीआरएफ, आरपीएफ, जिला पुलिस और जिला प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर राहत कार्य चलाने में जुट गयी. दुर्घटना स्थल पर टेंट का विशेष कैंप लगा कर मंगलवार दोपहर से ही कार्य शुरु किया गया. रेल के पटरियों से मलवा हटाने के लिये अलग अलग स्थानों से आवश्यक उपकरण व मशीन मंगा कर कार्य शुरू कराया गया.

दुर्घटनाग्रस्त माल के डब्बों को भी हटाने का कार्य शुरु

रेल हादसे में दुर्घटनाग्रस्त मालगाड़ी (गुड्स ट्रेन) के डब्बों को भी हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. जमीन से करीब 12 फीट से भी अधिक उंचाई पर रेलवे का ट्रेन होने के कारण रेल डब्बों को हटाने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी रेल कर्मी जुटे हुए हैं.

गैस कटर से कई बोगियों को काटकर की गयी यात्रियों की खोजबीन

कई डब्बों में किसी यात्री के फंसे रहने की संभावना को देखते हुए गैस कटर से काटा गया. बोगियों के अंदरुनी हिस्सों को भी काट कर खोजबीन किया गया. लेकिन, कहीं भी किसी के फंसे होने की सूची नहीं मिली.

डीसी व डीआरएम ले कर रहे हैं पल-पल की जानकारी

सरायकेला-खरसावां जिला के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला लगातार घटनास्थल का दौरा कर जायजा ले रहे हैं. साथ ही रेल परिचालन सामान्य करने के लिए किये जा रहे कार्यों के पल-पल की जानकार भी ले रहे हैं. दूसरी ओर चक्रधरपुर के मंडल रेल प्रबंधक भी पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर मामले की जानकारी ले रहे हैं.

राहत कार्य में ग्रामीणों का मिल रहा है भरपूर सहयोग

रेल के पटरियों से दुर्घटनाग्रस्त टफ़ेन के मलवे को हटाने के कार्य में स्थानीय लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. स्थानीय युवा रेल कर्मियों की हर तरह से सहायता रहे हैं. किसी तरह के छोटे-मोटे सामान उपलब्ध कराने में खास कर युवा वर्ग आ रहे हैं.

घायलों का सीकेपी रेल अस्पताल में चल रहा है इलाज

रेल हादसे में घायल हुए आठ रेल यात्रियों का चक्रधरपुर स्थित रेल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है. सभी मरीजों की स्थिति खतरे से बाहर बतायी जा रही है. बड़ी संख्या में लोग मरीजों का हाल चाल लेने के लिए रेलवे अस्पताल में पहुंच रहे हैं.

30 जुलाई को अप हावड़ा-मुंबई मेल हुई थी दुर्घटनाग्रस्त, दो यात्रियों की हुई थी मौत

चक्रधरपुर रेल मंडल के राजखरसावां-बडाबांबो रेलवे स्टेशन के बीच पोटोबेड़ा गांव के पास 30 जुलाई (मंगलवार) की तड़के सुबह तकरीबन 3.40 बजे 12810 अप हावडा-मुंबई मेल दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इस दुर्घटना में इंजन समेत 18 बोगी पटरी से उतर गये. इस घटना में इंजन, पेंट्री कोच व एसी कोच क्षतिग्रस्त हो गया. हादसे में एसी कोच संख्या चार के दो यात्रियों की मौत हो गयी. मृतक पी विकास (35) व अजीत सामल (45) राउरकेला (ओड़िशा) के निवासी थे. साथ ही दुर्घटना में करीब 20 यात्री घायल हो गये थे.

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