Saraikela News : 17,500 फीट ऊंचे लिपुलेख में बाइक से पहुंचे वाली पहली महिला बनीं कुचाई की कंचन
झारखंड की बेटी ने रचा इतिहास, उसके साहस की हो रही तारीफ
– कुचाई के बिदरी गांव की रहने वाली है कंचन उगुरसांडी, दिल्ली में रहती है
खरसावां.
सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड स्थित बिदरी गांव की बाइकर कंचन उगुरसांडी ने भारत-चीन सीमा पर 17,500 फीट की ऊंचाई पर लिपुलेख दर्रे को बाइक से पार करने वाली पहली महिला बन गयी है. उन्होंने 30 अक्तूबर 2024 को यात्रा पूरी की. इसके तीन साल पहले 19024 फीट पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची सड़क उमलिंगला पास पर पहुंचकर रिकॉर्ड बनाया था.कंचन ने बताया कि आम लोगों को लिपुलेख तक जाने की अनुमति नहीं है. आइटीबीपी व आर्मी से स्पेशल अनुमति मिलने के बाद यात्रा पूरी की. कंचन ने बताया कि दिल्ली से लिपुलेख पहुंचने में करीब 48 घंटे का समय लगा. कंचन की पहचान देश में माउंटेन बाइकर गर्ल के रूप में है. कंचन ने बताया कि पिथौरागढ़ में होटल एसोसिएशन ऑफ पिथौरागढ़ के राजेंद्र भट्ट ने अभिनंदन किया.देश की 18 सबसे ऊंची चोटियों पर कर चुकी हैं बाइकिंग
कंचन ने वर्ष 2021 में देश की 18 सबसे ऊंची चोटियों को पार कर राष्ट्रध्वज फहराया था. वह पहली महिला हैं, जिन्होंने दिल्ली-लेह-लद्दाख-रोहतांग-उमलिंगला-सियाचीन बेस-दिल्ली के 3,187 किलोमीटर की बेहद मुश्किल यात्रा पूरी कर ली है. कंचन ने लद्दाख के साथ गुजरात के रन आफ कच्छ, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड तक बाइक से यात्रा कर चुकी हैं. कंचन बाइक से उत्तराखंड के बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री तक सफर कर चुकी हैं. पिछले दिन करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर बाइक से करगिल वार मेमोरियल पहुंच कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी.दिल्ली से सिंगापुर तक बाइक से जाने की तैयारी
अब कंचन दिल्ली से सिंगापुर तक बाइक से सफर की तैयारी कर रही है. कंचन ने कहा कि हौसले बुलंद हो, तो बड़े से बड़े सपने पूरे हो सकते हैं. कंचन ने बताया कि बचपन से बाइक चलाने का शौक था. पिता ने बाइक चलाना सिखाया था. झारखंड में सिर्फ लड़के बाइक चलाते थे, वह इस धारणा को तोड़ना चाहती थीं. कंचन अभी दिल्ली में रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है