चांडिल, हिमांशु गोप : कोल्हान की राजनीति में झारखंड मुक्ति मोर्चा में मची भगदड़ रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. कोल्हान टाइगर के रूप में जाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन जैसे कद्दावर नेता पार्टी को छोड़ने के बाद उनके पीछे-पीछे कई नेता व कार्यकर्ताओं ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को बाय-बाय कर रहे हैं. इधर मंगलवार को चांडिल बाजार निवासी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य पप्पू वर्मा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.
झामुमो पर लगाया ये आरोप
पप्पू वर्मा ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विगत 26 वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहकर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सींचने का काम किए थे. दिवंगत सुधीर महतो के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा को ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक उचित मुकाम तक पहुंचाने का काम किए थे. लेकिन वर्तमान में पार्टी के द्वारा बात नहीं सुनी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 1997 अक्टूबर माह में छात्र संघ के कार्यक्रम के दौरान दिवंगत सुधीर दा ने पार्टी में शामिल कराया था. असमय सुधीर दा के निधन होने के बाद पार्टी ने मुझे ईचागढ़ विधानसभा प्रभारी बनाया. सुधीर दा के निधन के बाद पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता को हमने बिखरने नहीं दिया. संगठन को मजबूत रखते हुए 2019 का विधानसभा चुनाव के सबिता महतो को विधायक बनाने का काम किये. आज पार्टी में वह बात नहीं रहीं.
चंपाई सोरेन के करीबी माने जाते है पप्पू वर्मा
चांडिल के पप्पू वर्मा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का बहुत ही करीबी माने जाते हैं. 4 अक्टूबर को चांडिल में होने वाली बीजेपी के कार्यक्रम में पप्पू वर्मा बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
झामुमो व ईचागढ़ विधायक सविता महतो को लगा बड़ा झटका
पप्पू वर्मा के झारखंड मुक्ति मोर्चा के पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के बाद झामुमो व ईचागढ़ के विधायक सविता महतो को बड़ा झटका लगा है. पप्पू वर्मा झामुमो के ईचागढ़ विधानसभा में कद्दावर नेता थे. विधायक सबिता महतो भी चांडिल बाजार स्थित पप्पू वर्मा के कार्यालय में बैठती थी. इसके पूर्व भी झामुमो के एक और कद्दावर नेता झामुमो के पूर्व जिला सचिव सह चांडिल बाजार निवासी सुखराम हेम्ब्रम विधायक सबिता महतो के रवैया नाराज होकर अपना एक अलग संगठन बनाकर चुनाव लड़ने की जोरों से तैयारी कर रहीं हैं. अब ईचागढ़ के विधायक सबिता महतो के पास चांडिल जैसे जगह में एक भी बड़ी चेहरा का नेता व कार्यकर्ता नहीं है, जिसकी कमी आगामी विधानसभा चुनाव में विधायक सविता महतो को देखने मिल सकती हैं.
आखिर क्यों झामुमो से अलग हो रहे पार्टी के कद्दावर नेता-कार्यकर्ता
ईचागढ़ के विधायक सविता महतो विधायक बनने के बाद पुराने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता व कार्यकर्ताओं को अनदेखी कर चल रही है. जिसके कारण चुनाव से पहले झामुमो के कई कद्दावर नेता वह कार्यकर्ता अब झामुमो को बाय-बाय कर अलग हो रहे हैं. नेता व कार्यकर्ताओं का कहना है विधायक सविता महतो किसी का नहीं सुनती. पिछले पांच सालों में विधायक सविता महतो ने पार्टी में एक भी नये कार्यकर्ता को जोड़ नहीं पाई व पुराने नेता कार्यकर्ताओ को पार्टी से जाने में रोक नहीं सकी.