मुख्यालय पहुंचने को 20 किमी एक्स्ट्रा दूरी तय करनी पड़ती है

सरायकेला-खरसावां जिले का राजनगर व गम्हरिया प्रखंड की चार-चार पंचायतों को मिलाकर कुनाबेड़ा प्रखंड के गठन की मांग वर्षों पुरानी है. ग्रामीण लगातार अलग प्रखंड की मांग कर रहे हैं. इस दौरान कई सरकारें आयी और गयी, लेकिन किसी सरकार ने कुनाबेड़ा अलग प्रखंड निर्माण के लिए पहल नहीं की.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2020 2:45 AM
an image

सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले का राजनगर व गम्हरिया प्रखंड की चार-चार पंचायतों को मिलाकर कुनाबेड़ा प्रखंड के गठन की मांग वर्षों पुरानी है. ग्रामीण लगातार अलग प्रखंड की मांग कर रहे हैं. इस दौरान कई सरकारें आयी और गयी, लेकिन किसी सरकार ने कुनाबेड़ा अलग प्रखंड निर्माण के लिए पहल नहीं की.

इससे ग्रामीणों में निराशा है. गम्हरिया और राजनगर प्रखंड के आठ पंचायत के लोगों को प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 20 किमी से अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. राजनगर प्रखंड के तुमुंग, केंदमुड़ी, बाना व गेंगरुली तथा गम्हरिया प्रखंड के डूडरा, जयकान, नुवागढ़ व ईटागढ़ पंचायत शामिल हैं.

राजनगर प्रखंड के इन चार पंचायत के लोगों को प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन पंचायतों में यात्री बस नहीं चलने से लोग साइकिल या पैदल ही प्रखंड मुख्यालय जाते हैं. कमोबेश गम्हारिया प्रखंड के चार पंचायतों की भी यही स्थिति है. नदी पारकर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है.

वृद्धों को काफी परेशानी होती है. प्रखंड मुख्यालय से दूरी अधिक होने के कारण पंचायत में बने उपस्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक नहीं आते हैं. सीएचसी तक पहुंचना ग्रामीणों के लिए आसान नहीं है. अगर किसी की तबीयत खराब हो जाये,तो लोग झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहते हैं.

Exit mobile version