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अक्षय तृतीया पर प्रभु जगन्नाथ के रथ निर्माण के लिए शुरू हुई पूजा-अर्चना, 23 जून को रथ यात्रा

रविवार को अक्षय तृतीया के मौके पर खरसावां व सरायकेला के जगन्नाथ मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गयी. मंदिरों में प्रभु जगन्नाथ की पूजा अर्चना के साथ रथ निर्माण के लिए भी पूजा हुई. अक्षय तृतीया को ही ओड़िशा के पुरी समेत विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रथ का निर्माण कार्य शुरू करने की परंपरा है.

By Panchayatnama | April 26, 2020 8:07 PM
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शचीन्द्र कुमार दाश

सरायकेला : रविवार को अक्षय तृतीया के मौके पर खरसावां व सरायकेला के जगन्नाथ मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गयी. मंदिरों में प्रभु जगन्नाथ की पूजा अर्चना के साथ रथ निर्माण के लिए भी पूजा हुई. अक्षय तृतीया को ही ओड़िशा के पुरी समेत विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रथ का निर्माण कार्य शुरू करने की परंपरा है. सरायकेला के जगन्नाथ मंदिर में पंडितों ने पूजा-अर्चना की तथा हवन किया. इस मौके पर पुरोहित ने पहले रथ के चक्के की पूजा की. इसके बाद कुल्हाड़ी से लकड़ी के टोना को काट कर रथ निर्माण कार्य की विधिवत शुरुआत की. इस मौके पर लोगों में प्रसाद का भी वितरण किया गया.

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अक्षय तृतीय के साथ ही प्रभु जगन्नाथ के वार्षिक रथ यात्रा की तैयारी शुरू हो जाती है. रथ निर्माण को लेकर हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिरों में विशेष पूजा- अर्चना किया गया. हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर में भी विशेष आयोजन किया गया था. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया.

प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा 23 जून को

अक्षय तृतीया से ही प्रभु जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा की तैयारी शुरू हो जाती है. पूरे विधि-विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ के रथ निर्माण की पूजा शुरू हुई. इसे प्रभु जगन्नाथ के वार्षिक रथ यात्रा की तैयारी के रूप में देखा जाता है. इस साल 23 जून को रथ यात्रा का आयोजन होना है. प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलभद्र रथ पर सवार होकर 9 दिनों के लिए श्रीगुंडिचा मंदिर जायेंगे. रथ यात्रा से दो दिन पूर्व प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा का नेत्र उत्सव होगा. इससे पूर्व 5 जून को प्रभु जगन्नाथ की वार्षिक स्नान यात्रा आयोजित की जायेगी.

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प्रभु जगन्नाथ के वार्षिक रथ यात्रा के कार्यक्रम

देव स्नान पूर्णिमा : 5 जून

नेत्र उत्साव : 21 जून

गुंडिचा रथ यात्रा : 23 जून

हेरा पंचमी : 27 जून

विपत्त तारिणी व्रत : 30 जून

बाहुड़ा यात्रा : एक जुलाई

अक्षय तृतीया पर खेतों में हल चला कर खेती-बारी की शुरुआत

रविवार को अक्षय तृतीया के दिन क्षेत्र के किसानों ने खेतों में हल चला कर व बीज डाल कर कृषि कार्य की शुरुआत की. इससे पूर्व किसानों ने अच्छे पानी व खेती के लिए भगवान इंद्रदेव की पूजा- अर्चना भी की. मान्यता है किअक्षय तृतीया के दिन कृषि कार्य शुरू करने पर क्षय नहीं होता है. तेज धूप के बावजूद लोगों ने बीज डाल कर कृषि कार्य की शुरुआत की. इस दिन किये गये कार्यों का अक्षय पुण्य फल मिलता है.

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अक्षय तृतीया पर फीका रहा बाजार, नहीं हुई खरीदारी

लॉकडाउन के कारण इस वर्ष सरायकेला-खरसावां में अक्षय तृतीया पर बाजार फीका रहा. बाजार बंद रहने के कारण लोग सोना-चांदी समेत अन्य सामानों की खरीदारी नहीं कर सके. मान्यता है कि इस दिन खरीदी गयी वस्तु स्थायी समृद्धि प्रदान करती है. अक्षय तृतीया पर सोना, चांदी समेत धातु से बने सामानों के खरीदने की परंपरा है, लेकिन लॉकडाउन के कारण लोग खरीदारी नहीं कर सके.

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