22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Rath Yatra 2024|खरसावां में ऐसा होगा प्रभु जगन्नाथ का रथ, रथ यात्रा पर खर्च होंगे 18 लाख रुपए

Rath Yatra 2024 के भव्य आयोजन की खरसावां में तैयारी चल रही है. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए भव्य रथ तैयार होगा. ओडिशा से कारीगर आएंगे. ऐसा होगा रथ.

Rath Yatra 2024|खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश : झारखंड का खरसावां में ओडिशा के जगन्नाथपुरी की तरह हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलती है. इस बार भी भव्य वार्षिक रथ यात्रा निकालने की तैयारी है. बारीपदा की तर्ज पर विशेष रूप से बने रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ, भैया बलभद्र और बहन सुभद्रा केसाथ मौसीबाड़ी (गुंडिचा मंदिर) पहुंचेंगे.

Rath Yatra 2024|खरसावां के राजबाड़ी में हुई विशेष पूजा-अर्चना

रथ निर्माण के लिए बुधवार (10 अप्रैल) को खरसावां के राजबाड़ी परिसर में विशेष पूजा-अर्चना की गयी. राजपुरोहित अंबजाख्यो आचार्य व मंदिर के पुजारी राजाराम सत्पथी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यहां विधिवत पूजा-अर्चना की. इस दौरान हवन भी किया गया. राकेश दाश, नंदु पांडेय, रुपेश नंदा, नयन नायक, वैद्यनाथ नायक, राकेश विषेय, राधेश्याम, गोबर्धन राउत, राजेश मिश्रा, अमित केशरी, उमेश बोदरा, रिलु पाणी, रंजीत मिश्रा, श्यामी माहपात्र, वैद्यनाथ मालाकार, दिलीप पात्र इस अवसर पर मौजूद थे.

एक माह में बन तक तैयार हो जायेगा भव्य रथ

खरसावां में ओड़िशा के बारीपदा की तर्ज पर प्रभु जगन्नाथ का रथ बनेगा. इसके लिए पिछले वित्तीय वर्ष में ही सरकार से 18 लाख रुपए का आवंटन हो चुका है. ओडिशा के बारीपदा से कारीगर आएंगे और यहां रथ का निर्माण करेंगे. अगले एक माह में रथ का निर्माण पूरा कर लेने का लक्ष्य है.

ऐसा होगा भगवान जगन्नाथ का रथ

बताया गया है कि बारीपदा के प्रभात महाराणा की टीम रथ का निर्माण करेगी. जानकारी के अनुसार, ध्वज समेत 9 पहिये वाले रथ की ऊंचाई करीब 30 फीट होगी. इसकी चौड़ाई 12 फीट व लंबाई 14 फीट होगी. रथ को आकर्षक बनाने के लिए विशेष तौर पर इसका रंग-रोगन किया जाएगा. रथ के सामने लकड़ी का घोड़ा व सारथी भी बनाया जाएगा.

Also Read : झारखंड : खरसावां में जगन्नाथ रथयात्रा को राजकीय महोत्सव का दर्जा देने की मांग, सदन में विधायक ने रखी बात

ढाई सौ वर्ष पुरानी है खरसावां की रथ यात्रा

खरसावां में प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा करीब ढाई सौ वर्ष पुरानी है. यहां पुरी की तर्ज पर पूरे विधि-विधान के साथ रथ यात्रा का आयोजन होता है. आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया तिथि को प्रभु जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार हो कर मौसीबाड़ी जाते हैं.

राज्य सरकार उठाती है रथ यात्रा का खर्च

स्थानीय लोगों के अनुसार, 17वीं सदी के अंतिम वर्षों में खरसावां में रथ यात्रा की शुरुआत हुई थी. रियासत काल में रथ यात्रा में होने वाले सभी खर्च राजपरिवार उठाता था. वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद तमाम देशी रियासतों के भारत गणराज्य में विलय के बाद से ही रथ यात्रा के आयोजन पर होने वाला सारा खर्च राज्य सरकार उठाती है.

Also Read : खरसावां : तीन सदियों से यहां होती आ रही है प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा, जानें खासियत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें