सरायकेला, शचिंद्र कुमार दाश : गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में सरायकेला-खरसावां जिले की विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य की झांकी दिखेगी. जिले के 21 कलाकार झांकी में छऊ नृत्य के जरिये झारखंड की जीवनशैली की विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करेंगे. झांकी के माध्यम से पद्म विभूषण सह उद्योगपति रतन टाटा के देश के विकास में योगदान को दर्शाया गया है.
कर्तव्य पथ पर कलाकारों ने रिहर्सल किया : पटनायक
छऊ नृत्य दल के लीडर सह राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के पूर्व निदेशक सह संगीत नाटक अकादमी अवॉर्डी छऊ गुरु तपन पटनायक ने बताया कि परेड के दौरान टीम झांकी पेश करेगी. झांकी में सरायकेला-खरसावां की उत्कृष्ट नृत्य शैली के साथ कला, संस्कृति व परंपरा से लेकर क्षेत्र के जल, जंगल, खनिज जैसे प्राकृतिक संसाधनों से अवगत कराया जायेगा. कहा कि 21 कलाकारों का दल 17 जनवरी को ही दिल्ली पहुंच गया है. झांकी निकालने को लेकर गुरुवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर कलाकारों ने रिहर्सल किया.
टीम में ये हैं शामिल
गुरु तपन पटनायक, दिलदार अंसारी, कमल महतो, बसंत कुमार, सुदीप कुमार, सूरज हेंब्रम, भोलानाथ नंदा, राकेश गागराई, अनूप रविदास, अभिषेक सिंह मुंडा, गोमिया गागराई, अभिषेक सांडिल, सुरेश नाग, एंजेली केशरी, कल्पना रविदास, चांदनी हेंब्रम, भारती सांडिल, सुचित्रा सामंत, तनीषा सामंत, लिपिक बारा मुंडा, हीरामनी सोय आदि.
फ्लैश बैक : 1992 में दिल्ली के राजपथ में हुई थी छऊ नृत्य की प्रदर्शनी
मालूम हो कि इससे पूर्व गणतंत्र दिवस पर 1992 में दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) में छऊ की झांकी निकाली गयी थी. इसमें सरायकेला के कलाकारों ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ आर वेंकट रमण समेत हजारों अतिथियों के सामने छऊ नृत्य की झांकी निकालने के साथ छऊ गुरु सुशांत महापात्र ने राष्ट्रीय पक्षी निर्मित मोर (मयूर) के छऊ नृत्य में इस्तेमाल होने वाले मास्क को भी प्रदर्शित किया था. तब झांकी में 19 छऊ मुखौटाें को प्रदर्शित किया गया था. नदी से मिट्टी लाने से लेकर मुखौटा तैयार करने व पहनने की कला को झांकी में प्रदर्शित की गयी थी. झांकी में शामिल 18 कलाकारों ने मयूर नृत्य को प्रदर्शित किया था, जिसमें सरायकेला के राज पैलेस का बैकग्राउंड लगाया गया था.
Also Read: झारखंड में बराज का निरीक्षण करने पहुंचे वित्त मंत्री, मधुमक्खियों ने कर दिया हमला