खरसावां.पीएम जनमन योजना से आदिम जनजाति बहुल गांवों की सूरत बदलेगी. बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सर्वे की तैयारी चल रही है. कुचाई बीडीओ साधुचरण देवगम ने सभी विभागों के साथ जोड़ासरजम व बीरगामडीह के बिरहोर टोला में पहुंच कर सर्वे किया. आदिम जनजाति परिवार के लोगों के लिए अलग से किचन गार्डन, चाइल्डफ्रेंडली टॉयलेट व सोकपिट बनाने, सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का भी कार्य होगा. इस योजना से बच्चों को आंगनबाड़ी व स्कूल, आदिम जनजाति परिवार के लोगों को आवास उपलब्ध कराने, घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचाने, स्वरोजगार की व्यवस्था करने की योजना है.
आजीविका उपलब्ध कराने पर जोर
आदिम जनजाति वर्ग के लोगों को आजीविका उपलब्ध कराने पर जोर है. जिले में रहने वाले अधिकतर आदिम जनजाति वर्ग के लोग जंगल व वनोत्पाद पर निर्भर हैं. यहां के लोग अब भी बांस व घास से घरेलू सामग्रियों का निर्माण कर आजीविका चलाते हैं. इनके तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए जेएसएलपीएस से बाजार उपलब्ध कराने की योजना है. कुचाई में बिरहोर समुदाय के लोग सीमेंट की बोरी से रस्सी बनाकर आाजीविका का पालन करते हैं. वहीं चांडिल-नीमडीह के बिरहोर बांस से हैंडीक्राफ्ट बनाते हैं.जिले के इन गांवों में आदिम जनजाति समुदाय के लोग रहते हैं
कुचाई प्रखंड : जोड़ासरजम व बीरगामडीह, चांडिल प्रखंड : आसनबनी, रामगढ़, कांदरबेड़ा, जामडीह, कदमझोर, मकुला, , काठजोड़, माचाबेड़ा, दिगारदा, कदमबेड़ा, आमकोचा, डूंगरीडीह, बाडेदा, पासानडीह व कोडाबुरु, नीमडीह प्रखंड : चालियामा, पोड़ाडीह, फारेंगा, बिंदुबेडा, तेतलो, सामानपुर, भांगाट, मालूका, बुरुडीह, डुमरडीह व तनकोचाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है