जिले के विकास को मिली रफ्तार, 22.50 करोड़ से बनेंगे तीन पुल

सरायकेला-खरसावां. निर्माण कार्य पूरा होने पर हजारों की आबादी को मिले लाभ

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2024 12:11 AM

प्रतिनिधि, सरायकेला

सरायकेला-खरसावां जिले में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है. आवागमन में सहूलियत के लिए जिले में 22.50 करोड़ रुपये की लागत से तीन बड़े पुल का निर्माण होगा. ग्रामीण विकास विभाग ने स्वीकृति दी है. तीनों पुल बनने से हजारों लोगों को लाभ मिलेगा. वहीं, कई गांव एक-दूसरे से जुड़ जायेंगे.

सुवर्णरेखा पुल : गम्हरिया को चांडिल से जोड़ेगा

सुवर्णरेखा नदी पर बनने वाला पुल गम्हरिया प्रखंड को चांडिल प्रखंड से जोड़ेगा. यह गम्हरिया प्रखंड के बुरुडीह व चांडिल प्रखंड के कांदरबेड़ा के बीच बनेगा. पुल के निर्माण से दोनों प्रखंड जुड़ जायेंगे. पुल का निर्माण 10.67 करोड़ रुपये की लागत से होगा. इससे दो वर्ष में पूरा किया जायेगा.

संजय नदी पुल : 8.50 करोड़ रुपये होंगे खर्च

सरायकेला की गोविंदपुर पंचायत व मुरुप पंचायत के बीच संजय नदी पर 8.15 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण होगा. पुल से गोविंदपुर, खप्परसाही, कीता सहित आसपास के गांवों को महालीमुरुप रेलवे स्टेशन जाने के लिए आसानी होगी. वहीं, मुरुप पंचायत के कई गांवों को जिला मुख्यालय आने में दूरी घट जायेगी.

पालना नाला पुल : सैकड़ों गांव के लोग होंगे लाभान्वित

चांडिल प्रखंड की धुनाबुरु पंचायत में रायडीह व जुरगु के बीच पालना नाला पर पुल का निर्माण होगा. पुल निर्माण में 3.71 करोड़ रुपये की लागत से होगा. पुल का निर्माण डेढ़ वर्षों में पूरा होना है. पुल के निर्माण से दर्जनों गांवों के सैकड़ों लोगों को फायदा मिलेगा.

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ग्रामीण बोले- बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई, जला मुख्यालय की दूरी घट जायेगी

सरायकेला प्रखंड के मुरुप और गोविंदपुर के बीच संजय नदी पर मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना से पुल निर्माण की स्वीकृति मिलने पर स्थानीय लोगों ने खुशी जतायी है. ग्रामीणों का कहना है कि पुल बनने से सरायकेला प्रखंड की मुरुप पंचायत के दर्जनों गांवों के लोगों को प्रखंड व जिला मुख्यालय पहुंचने में सहूलियत होगी. लगभग 10 से 12 किमी की दूरी कम हो जायेगी. वहीं, खरसावां प्रखंड की कई पंचायतो के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में काफी कम दूरी तय करनी पड़ेगी. फिलहाल, अतिरिक्त दूरी तय कर महालिमुरुप, बुरुडीह होते हुए प्रखंड व जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि विधायक दशरथ गागराई की पहल पर संभव हो सका है. मौके पर मुरुप की पंचायत समिति सदस्य अनीता प्रधान, अजीत प्रधान, संजय प्रधान, गोराचंद हो, हेमसागर प्रधान, नीलसेन प्रधान, नागेश्वर प्रधान, जगन्नाथ प्रधान, उमाकांत प्रधान, देवीदत्त प्रधान, धर्मेंद्र प्रधान समेत अन्य ने खुशी जतायी.

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