रांची-टाटा NH-33 पर बाघ देखे जाने की खबर से चांडिल और चौका में दहशत, WII की टीम पहुंची
Tiger on Ranchi-Tata NH-33 Creates Havoc: रांची-टाटा हाईवे पर बाघ देखे जाने के बाद सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल और चौका में दहशत का माहौल है. WII की टीम पहुंच गई है. बाघ की तलाश के लिए कई जतन किए जा रहे हैं.
Tiger on Ranchi-Tata NH-33 Creates Havoc| चांडिल (सरायकेला-खरसावां), हिमांशु गोप : सरायकेला खरसावां जिले में बाघ देखे जाने की खबरों के बीच ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. वाइल्डलाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआइआइ) की टीम पहुंच चुकी है. वन विभाग के कर्मचारियों की मदद से बाघ का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. खबर है कि चांडिल के चैनपुर और खूंटी मोडड़ के पास बाघ को देखा गया. 8 दिन बाद फिर से बाघ को देखे जाने की खबर से आसपास के ग्रामीणों में दहशत फैल गई है.
चैनपुर के राज कुमार और खूंटी गांव के अपूर्व सिंह ने बाघ को देखा
चैनपुर गांव के राज कुमार महतो और खूंटी गांव के अपूर्व सिंह ने बाघ को देखने का दावा किया है. राज कुमार महतो ने कहा है कि वह परिवार के साथ चौका के चौलीबासा जंगल के रास्ते कार से लौट रहे थे. तभी कार के आगे से कूदकर बाघ सड़क पार कर गया. दूसरी ओर, चौका के खूंटी गांव निवासी अपूर्व सिंह ने बताया कि वे लोग जमशेदपुर से कार से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरन एनएच-33 पर खूंटी मोड़ के समीप सड़क पर एक बाघ को देखा. बाघ को देखते ही उन्होंने अपने कार की स्पीड बढ़ाई और घर पहुंचे.
बाघ का पता लगाने में जुटी वन विभाग की टीम
चांडिल गोलचक्कर के पास चैनपुर गांव में मंगलवार की रात को बाघ को देखा गया. चैनपुर गांव के राज कुमार महतो ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. इसके बाद ग्रामीण रात को घर से निकलने में डर रहे हैं. खबर मिलने के बाद वन विभाग की टीम भी बाघ के बारे में पता लगाने में जुट गई.
कार पर बाघ के हमले का मैसेज वायरल
सोशल मीडिया पर चैनपुर कनाल के पास पुलिया के सामने एक कार पर बाघ के हमला करने का मैसेज वायरल हो रहा है. चैनपुर में बाघ देखने के करीब डेढ़ घंटे बाद चौका के खूंटी मोड़ के पास भी बाघ को देखे जाने की बात कही जा रही है. हालांकि, इस संबंध में वन विभाग पक्के तौर पर कुछ नहीं कह पा रहा है. वन विभाग की टीम चैनपुर के लिए रात को ही निकल गई है.
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8 दिन बाद फिर से बाघ देखे जाने की खबर से ग्रामीणों में दहशत
ज्ञात हो कि 31 दिसंबर को चौका के तुलग्राम जंगल में मवेशी चरा रहे ग्रामीणों ने बाघ को गाय का शिकार करते देखा था. उसके बाद वन विभाग ने तुलग्राम-बालीडीह जंगल में ट्रैकिंग कैमरा लगाकर बाघ की तलाश शुरू की थी. बाघ कैमरे में कैद नहीं हुआ. अब 8 दिन बाद बाघ को देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.
पग इंप्रेशन पैड की मदद से बाघ का पता लगाएगी डब्ल्यूआइआइ की टीम
सरायकेला खरसावां जिले में चौका और कांड्रा के बीच तुलग्राम और बालीडीह एरिया में बाघ के होने की सूचना मिलते ही वाइल्डलाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआइआइ) की टीम पहुंची. इन लोगों ने यहां आने के बाद वन विभाग के कर्मचारियों के साथ बाघ के बारे में पता लगाने की कोशिश की. डब्ल्यूआइआइ की टीम ने पग इंप्रेशन पैड (पीआइपी) का इस्तेमाल कर रही है. इसके तहत फुटप्रिंट को बनाने के लिए एरिया में फाइन बालू बिछा दिया जाता है, ताकि जानवर के मूवमेंट का पता लगाया जा सके.
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साइंटिफिक तरीके से कैमरे लगा रही डब्ल्यूआइआइ की टीम
इतना ही नहीं, साइंटिफिक तरीके से कैमरे भी लगाये जा रहे हैं. पहले के लगाये गये कैमरों के अलावा हाइटेक कैमरे की भी मदद ली जा रही है. ड्रोन की मदद से भी बाघ की तलाश की जा रही है, ताकि लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे. डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि डब्ल्यूआइआइ की टीम की मदद ली जा रही है. नये सिरे से कैमरे लगाये गये हैं. अब तक जो पैरों के निशान मिले हैं, उसके मुताबिक, बाघ की दस्तक है और उस एरिया में ही कहीं विचरण कर रहा होगा. अभी तक बाघ किसी को दिखा नहीं है. ग्रामीणों ने भी कोई सूचना नहीं दी है. हमने सबको अलर्ट कर दिया है.