Saraikela News : अब तक 160 एकड़ में लगी अफीम की खेती नष्ट
सरायकेला : पुलिस की पहल का दिख रहा सकारात्मक असर, ग्रामीण खुद अफीम खेती को नष्ट कर रहे
सरायकेला.सरायकेला-खरसावां जिले में अफीम की खेती को लेकर जिला प्रशासन की ओर से चलाये जा रहे अभियान का असर दिखने लगा है. अब ग्रामीण स्वयं अफीम की खेती को नष्ट कर रहे हैं. जिले में विगत डेढ़ माह में 160 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है. ईचागढ़ के डुमरडीह व वनडीह गांव में ग्रामसभा कर ग्रामीणों ने पांच एकड़ भू-भाग, खरसावां के पतपत गांव में आठ एकड़ भूमि से अफीम की खेती को नष्ट किया गया.
एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने कहा कि अफीम (पोस्तु) की खेती ग्रामीण खुद ही नष्ट कर रहे हैं. वहीं ग्रामीण सब्जी, गरमा धान, चना सहित अन्य साग-सब्जियों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी. मालूम हो दो माह से लगातार पुलिस गांव-गांव में अफीम खेती नही करने और समाज में इसके दुष्प्रभाव को लेकर ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान चला रही है. लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने व अन्य खेती को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है. अब इसका सकारात्मक असर दिख रहा है.कुचाई व खरसावां में 15 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया
खरसावां, कुचाई, ईचागढ़, चांडिल थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में अफीम की खेती की जा रही थी. वहां अब ग्रामीण खुद ग्रामसभा कर खेती को नष्ट कर रहे हैं. इसके इतर पुलिस को जहां सूचना मिल रही है, वहां जाकर अफीम की खेती नष्ट कर रही है. विगत दिनों ईचागढ़, कुचाई व खरसावां में करीब 15 एकड़ से अधिक भू-भाग पर लगी अफीम खेती को नष्ट कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार, दिसंबर में अफीम की खेती शुरू होती है, जो फरवरी व मार्च तक इसके पौधे से फल निकलने लगता है. फल से पोस्तु निकालते हैं.कोट
सुदूरवर्ती जंगली क्षेत्र के गांवों में अफीम की खेती व्यापक पैमाने पर हो रही थी. सूचना पर पुलिस ने क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया, ताकि ग्रामीण प्रतिबंधित अफीम की खेती न करें.मुकेश कुमार लुणायत, एसपी, सरायकेला-खरसावां
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