Photos: खूबससूरत वादियों का आनंद लेना चाहते हैं तो सरायकेला आइए, पालना डैम की सुंदरता ऐसी है कि मन मोह लेगी
Tourist Place In Saraikela: सरायकेला के पालना डैम चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है. इसके आसपास का नजारा ऐसा है कि लोग इसकी खूबसूरती को कैमरे में कैद करना नहीं भूलते.
सरायकेला, शचिंद्र कुमार दाश/संजय महतो : सरायकेला-खरसावां जिला के चौका में पालना डैम स्थित है. जो कि पहाड़ों से घिरा हुआ है. हरे-भरे जंगलों और पर्वत श्रेणियों की तलहटी पर स्थित पालना डैम की प्रकृतिक सुंदरता हर किसी को अपनी ओर खींचती करती है. इसके चारों ओर फैली हरियाली इसे सैलानियों के बीच लोकप्रिय बनाती है. हरे-भरे जंगल और पहाड़ के करीब स्थित पालना डैम का दृश्य मनोरम दिखाई देता है.
डैम के आसपास का नजारा सुकुन का ऐहसास कराता है
दिसंबर और जनवरी में पिकनिक मनाने पहुंचने वाले सैलानी पालना डैम की सुंदरता को अपने कैमरे में कैद करना नहीं भूलते. इस डैम में अक्सर पर्यटक मछली पकड़ते भी देखे जा सकते हैं. यहां के आसपास का मनोरम नजारा और शांत वातावरण लोगों को शांति और सुकून का एहसास कराता है. हर साल यहां बड़ी संख्या में सैलानी अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने और छुट्टियां बिताने आते हैं. हालांकि रात्रि में इसके आसपास ठहरने की सुविधा नहीं है.
1983 में बना था पालना डैम
पालना डैम का उद्घाटन 14 जनवरी 1983 को संयुक्त बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने किया था. यह जिले के नामी पर्यटन स्थलों में शामिल है. झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से भी इसे ब्रांडिंग की जा रही है. पहले यह इलाका नक्सल प्रभावित था, इस वजह से यहां पर्यटकों का आना जाना कम होता था. लेकिन बीते कुछ सालों से नक्सल गतिविधि समाप्त हो जाने से पर्यटकों की संख्या बढ़ोतरी हुई है.
एनएच से दो किमी की दूरी पर है पालना डैम
जमशेदपुर से रांची की ओर जाने वाले रास्ते में 45 किलोमीटर की दूरी पर एनएच- 33 के किनारे बड़ामटांड के बांयी ओर से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर पालना डैम स्थित है. चौका मोड़ पर उतर कर भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां आने के लिए आप अपने निजी वाहन या कैब बुक कर आ सकते हैं.
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