केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर किसानों की समस्या से कराया अवगत
अर्जुन मुंडा ने हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर धान अधिप्राप्ति केंद्रों में किसानों द्वारा बिक्री किए गए धान के मूल्य का अभी तक भुगतान नहीं करने पर चिंता व्यक्त करते हुए जल्द से जल्द किसानों के बैंक खाते में राशि का भुगतान करने का आग्रह किया है
शचीन्द्र कुमार दाश
सरायकेला : केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अर्जुन मुंडा ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर धान अधिप्राप्ति केंद्रों में किसानों द्वारा बिक्री किए गए धान के मूल्य का अभी तक भुगतान नहीं करने पर चिंता व्यक्त करते हुए जल्द से जल्द किसानों के बैंक खाते में राशि का भुगतान करने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि देश एवं राज्य के वर्तमान हालात वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के वजह से उत्पादन, आवागमन, हाट-बाजार और उत्पादन पूर्ण रूप से बंद हैं, कृषकों के सामने भी भारी संकट छाया हुआ है. किसानों के समक्ष रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में उनके पास क्रय क्षमता नहीं हैं.
जबकि भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा खाद्यान्नों की आपूर्ति की जा रही गई. यद्यपि इसके अतिरिक्त रोजमर्रा की आवश्यकता को पूरा करने में किसान असर्मथ हैं. श्री मुंडा ने पत्र में कहा है कि राज्य के सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और खूंटी जिला के किसानों को धान अधिप्राप्ति के दो-तीन माह के उपरांत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार क्रय केन्द्रों द्वारा अभी तक भुगतान नहीं किया गया है.
यह विषय मेरे संज्ञान में राज्य के कृषकों द्वारा आवेदन के माध्यम से लाया गया है. झारखंड के अधिकांश किसान एक फसल (धान) कि खेती पर ही आश्रित रहते हैं और इसी पर राज्य के किसानों के जीवन आश्रित हैं. विपदा के इस घड़ी में धन क्रय केन्द्रों द्वारा धान अधिप्राप्ति के दो-तीन महीनों के उपरांत समर्थन मूल्य का भुगतान नही किए जाने से किसानों के समक्ष भारीआर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.
श्री मुंडा ने पत्र में कहा है कि किसानों के समक्ष विकराल आर्थिक संकट के समस्या का शीघ्र समाधान हेतु राज्य के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा एवं खूंटी जिलों के किसानों के बकाया राशि का भूगतान जल्द से जल्द हो इसके लिए समुचित निर्णय लेना चाहिए. जिससे वैश्विक विपदा कि इस घड़ी में राज्य के किसानों को आर्थिक राहत मिल सके.