कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयास में जुटा केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय

भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनजातियों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाने और इस महामारी के दौरान भी अर्थव्यवस्था में वृद्धि बहाल करने के लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं. जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पिछले दिनों 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर लघु वनोपज (एमएफपी) की खरीद के लिए संबंधित राज्य नोडल एजेंसियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने के लिए जागरूक करने को कहा है. 

By AmleshNandan Sinha | April 21, 2020 7:23 PM
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सरायकेला : भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनजातियों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाने और इस महामारी के दौरान भी अर्थव्यवस्था में वृद्धि बहाल करने के लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं. जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पिछले दिनों 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर लघु वनोपज (एमएफपी) की खरीद के लिए संबंधित राज्य नोडल एजेंसियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने के लिए जागरूक करने को कहा है.

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हमारे संवाददाता शचीन्द्र कुमार दाश के अनुसार इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश, केरल, मणिपुर, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं. मंत्रालय द्वारा इस रोडमैप को तैयार करने और कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में वृद्धि बहाल करने के लिए इनमें से प्रत्येक पहल के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए अधिकारियों की तीन टीमों का गठन किया गया है.

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने आदेश संख्या 40-3/2020-डीएम-1 (ए) दिनांक 16/04/20 दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिनका उद्देश्य देश भर के वन क्षेत्रों में आदिवासियों द्वारा लघु वनोपज (एमएफपी)/गैर टिम्बर वनोपज (एनटीएफपी) के संग्रहण, कटाई और प्रसंस्करण के लिए लॉकडाउन के प्रावधानों में ढील देना है. एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के बारे में मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सभी स्कूल 25 मई तक बंद रहेंगे.

बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले ऐसे छात्रों को संबंधित पेपर पूरे होने के तुरंत बाद घर भेजा जाए. विशेष अभियान के लिए एकेडेमिक ब्लॉक, छात्रावास और अन्य आम क्षेत्रों सहित स्कूल परिसर को साफ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. इस बात पर जोर दिया गया है कि स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना है. छुट्टियों के लिए नियोजित सामान्य गतिविधियों को अवकाश अवधि के दौरान किया जाना सुनिश्चित करने के लिए परिसर को नये शैक्षणिक सत्र के शुरू होने की तैयारी में रखा गया है.

मंत्रालय ने राज्य सरकारों/केंद्र शासित राज्यों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि सभी उपाय करके जनजातीय क्षेत्रों और जनजातीय आबादी को पर्याप्त रूप से कवर किया जाए. इसमें अनुसूचित जनजाति के लिए प्रतिष्ठानों और संस्थानों जैसे अनुसूचित जनजाति के लिए छात्रावास, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए आश्रम स्कूल आदि को भी सलाह दी गयी है ताकि कॉविड-19 के मामले में निर्देशों का ईमानदारी से पालन सुनिश्चित किया जा सके. गृह मंत्रालय द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई संबंधित आदेशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए.

मंत्रालय ने कुछ और पहल की है. राष्ट्रीय फैलोशिप और राष्ट्रीय शीर्ष श्रेणी की छात्रवृत्तियों के सभी लंबित मामलों पर कार्रवाई की जा रही है, जिन्हें 31 मार्च, 2020 तक जारी नहीं किया जा सका था. प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के संबंध में मंत्रालय ने सभी राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि लाभार्थियों को छात्रवृत्ति राशि जारी की जाए. TRIFED यूनिसेफ के साथ मिलकर एक वेबिनार का आयोजन किया है जिसमें वन धन विकास केंद्र के सदस्यों को COVID-19 और संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूक किया गया.

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