Service voting: लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड में कुल 44,377 मतदाता सर्विस वोटिंग के माध्यम से अपना वोट देंगे. इस साल झारखंड में सरहद से वोट गिराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. सरहद से लोकसभा चुनाव 2024 में 15,260 नए सर्विस वोटर वोटिंग करेंगे. पूरे देश में हर साल ऐसे वोटर्स की संख्या लाखों में होती है. इस साल लगभग 35 लाख सर्विस वोटर पूरे देश से चुनाव में शामिल होंगे. ये ऐसे वोटर्स होते हैं जो बिना पोलिंग बूथ पर गए अपना वोट गिरा सकते है. आइये जानते हैं कि ये कौन हैं. सर्विस वोटिंग क्या होती है. झारखंड में इस साल लोकसभा चुनाव 4 चरणों में होना है. चौथा,पांचवा, छठा और सातवें चरण में झारखंड में वोटिंग कराई जाएगी. इसके बाद लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को जारी होंगे.
Service voting: कौन होते हैं सर्विस वोटर
इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया के अनुसार सर्विस वोटिंग वो मतदाता कर सकते हैं जो सेना, अर्धसैनिक बस, या पुलिस में कार्यरत होते हैं. ये उन क्रेंद और राज्य के कर्मचारियों के लिए भी वैलिड होता है जिनकी वोटिंग के दौरान कहीं ड्यूटी होती है. ये सभी सर्विस वोटर्स की कैटेगरी में शामिल होते हैं. इसमें सरकार के अलग-अलग विभागों के लोगों का नाम शामिल होता है. ये सारे लोग जो सर्विस वोटिंग का हिस्सा होते हैं वो पोस्टल वोटिंग के जरिए अपना वोट डालते हैं. चुनाव के बाद जब वोटों की गिनती शुरू की जाती है तो सबसे पहले इन सर्विस वोटर्स के मतदान को गिना जाता है.
Service voting: कैसे होती है सर्विस वोटिंग
मतदान में शामिल होने के लिए सर्विस वोटर्स के लिए एक अलग सिस्टम होता है. वोटिंग के लिए सर्विस मतदाता को एक मेल भेजा जाता है.इस मेल को फॉर्म 2, 2ए और फॉर्म 3 कहा जाता है. मतदाताओं को इसका प्रिंट निकालकर इसमें टिक मार्क करना है. यह टिक मार्क उस उम्मीदवार या पार्टी के सामने करना होगा जिसे वोटर वोट देना चाहता है.यह वोटरों को उनके कमांडिंग ऑफिसर के सामने करना होता है. इसके बाद उस प्रिंटआउट को लिफाफे में बंद करके इसे अपने इलेक्शन एरिया के ऑफिसर को भेजना होता है.
Service voting: प्रॉक्सी बनाने की है सुविधा
सर्विस वोटिंग के लिए एलिजिबल मतदाताओं को प्रॉक्सी वोटर बनाने की सुविधा भी दी गई है. सर्विस वोटर अगर चाहे तो पोस्टल बैलेट के बदले अपने लिए प्रॉक्सी वोटर भी चुन सकते हैं. प्रॉक्सी वोटर ऐसे वोटर होते हैं जो इनकी जगह पर जाकर वोट कर सकते हैं. इन के लिए कुछ नियम और गाइडलाइन्स होती हैं जिससे सर्विस मतदाता अपने लिए प्रॉक्सी मचदाता चुन सकते हैं. अगर कोई सर्विस वोटर अपने लिए प्रॉक्सी वोटर चुनता है तो प्रॉक्सी वोटर को वहां का स्थाई निवासी और मतदाता होना होता है. ऑफिशियली प्रॉक्सी वोटर की नियुक्ति इलेक्शन कमिशन द्वारा की जाती है. प्रॉक्सी वोटर बनाए जाने पर मतदाता का नाम प्रॉक्सी वोटर के रूप में पहले से मतदान क्रेंद में दर्ज होता है.
Service voting: किन के लिए कौन सा फॉर्म
- सशस्त्र बल के सदस्य- फॉर्म 2
- राज्य सरकार के पुलिस में कार्यरत अथवा राज्य से बाहर सेवारत-फॉर्म 2ए
- भारत सरकार में कार्यरत लेकिन भारत से बाहर पोस्टिंग- फॉर्म 3
- यदि सर्विस वोटर खुद को सामान्य वोटर के रूप में रखना चाहता है – फॉर्म 6
Service voting: सर्विस वोटिंग को बढ़ावा
चुनाव आयोग लगातार सर्विस वोटिंग को बढ़ावा दे रही है. इसे लेकर लगातार कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो और इस लोकतंत्र के महापर्व में अपना योगदान दें.
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