नक्सली बंदी: नक्सली डर से नहीं चली गाड़ियां, दुकानें रही बंद

गुमला : भाकपा माओवादियों द्वारा गुरुवार को आहूत झारखंड-बिहार बंद का गुमला जिले में व्यापक असर पड़ा. नक्सलियों के भय से 24 घंटे तक गुमला जिले का जनजीवन प्रभावित रहा. ऐसे कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. लेकिन नक्सलियों के डर से शहर से गांव तक सन्नाटा पसरा रहा. वाहनों का परिचालन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2017 12:57 PM

गुमला : भाकपा माओवादियों द्वारा गुरुवार को आहूत झारखंड-बिहार बंद का गुमला जिले में व्यापक असर पड़ा. नक्सलियों के भय से 24 घंटे तक गुमला जिले का जनजीवन प्रभावित रहा. ऐसे कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. लेकिन नक्सलियों के डर से शहर से गांव तक सन्नाटा पसरा रहा. वाहनों का परिचालन ठप रहा.


160 बसें व 800 से अधिक छोटी, बड़ी सवारी गाड़ियां नहीं चली. बिशुनपुर व घाघरा में करीब 600 बॉक्साइट ट्रकों के पहिये थम गये. चाय व पान तक की दुकानें नहीं खुली. सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. एक अनुमान के अनुसार, बंद के कारण जिले में दो करोड़ रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ. बंद से दिहाड़ी श्रमिकों पर व्यापक असर पड़ा है.
अप्रिय घटना की सूचना नहीं 25 माइंस में नहीं हुआ काम
बिशुनपुर व घाघरा प्रखंड में 25 बॉक्साइट माइंस में काम नहीं हुआ. नक्सलियों के भय से 600 बॉक्साइट ट्रकों के पहिए थम गये. इससे 15 हजार लोग प्रभावित हुए. ट्रकों का परिचालन नहीं होने से मजदूर, खलासी व चालक के अलावा पठारी इलाकों में छोटे होटल चलाने वालों को नुकसान हुआ. बॉक्साइट का लोडिंग व अनलोडिंग नहीं होने से लगभग एक करोड़ रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ. सभी माइंस में ताला लटका रहा.
डुमरी की ठहर गयी जिंदगी
डुमरी. नक्सली बंदी के कारण ज्यादातर लोग घरों में ही रहे. छत्तीसगढ़ से सटा होने के कारण यहां नक्सलियों का ज्यादा भय रहता है. बगल राज्य के नक्सली भी यहां घुस आते हैं. ऐसे पुलिस ने डुमरी के कई इलाकों में सघन छापामारी अभियान चलाया. बंद के कारण यहां जिंदगी ठहर सी गयी. जारी प्रखंड में भी बंद का व्यापक असर देखा गया. समाचार लिखे जाने तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
दिनभर भयभीत रहे लोग
रायडीह. नक्सली बंदी के कारण चैनपुर व रायडीह थाना क्षेत्र में भय से लोग घरों से नहीं निकले. दोनों प्रखंड नक्सल प्रभावित है. यहां नक्सली सक्रिय हैं. इस कारण लोग दिनभर किसी घटना को लेकर आशंकित रहे. रायडीह व चैनपुर की पुलिस गश्त लगाती नजर आयी.
बाइक से लोगों ने सफर की
बसिया. कामडारा, पालकोट व बसिया में नक्सली बंद अभूतपूर्व रहा. बंद से इन तीनों प्रखंडों में 10 लाख रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ. डर से एक भी गाड़ी नहीं चली. कुछ लोग अपने जरूरी काम के लिए बाइक से रांची जाते देखे गये.

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