नौ साल बाद भी नहीं शुरू हुआ विद्युत ग्रिड
सिमडेगा: सिमडेगा में नौ साल बाद भी विद्युत ग्रीड चालू नहीं हो सका. ऐसे में जिले तथा राज्य का विकास कैसे होगा मुख्यमंत्री जी. नौ साल पूर्व बीरू में विद्युत ग्रीड का शिलान्यास बड़े ही जोश-खरोश से तात्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का द्वारा किया गया था. मंच से घोषणा की […]
सिमडेगा: सिमडेगा में नौ साल बाद भी विद्युत ग्रीड चालू नहीं हो सका. ऐसे में जिले तथा राज्य का विकास कैसे होगा मुख्यमंत्री जी. नौ साल पूर्व बीरू में विद्युत ग्रीड का शिलान्यास बड़े ही जोश-खरोश से तात्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का द्वारा किया गया था. मंच से घोषणा की गयी थी कि 18 माह में विद्युत ग्रीड बन कर तैयार हो जायेगा.
विद्युत ग्रीड का काम कछुआ गति से चला. अंतत: ग्रीड किसी तरह लगभग पांच साल में बन कर तैयार हो गया. किंतु इसके बाद मामला ट्रांसमिशन लाइन को लेकर लटक गया. अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण ट्रांसमिशन लाइन का काम आज तक पूरा नहीं हो सका है. ट्रांसमिशन लाइन के लिए एनओसी नहीं मिलने का खेल लंबे समय तक चला. फाइलें कई सालों तक रेंगती रही. किसी भी जनप्रतिनिधि ने इसे गंभीरता से प्राथिमकता के तौर पर नहीं लिया.
अगर लिया होता तो यह हालात नहीं होते. इधर वन विभाग द्वारा एनोसी मिलने के बाद अब मामला अटक गया है वर्क ऑडर पर. राज्य और केंद्र में भी एक ही पार्टी की सरकार होने के बाद भी इतने सालों में किसी काम के लिए एनोसी मिलने में इतना लंबा समय लगना लोगों के गले नहीं उतर रहा है.
जिले का कैसे होगा विकास : मुख्यमंत्री जी आप घोषणाएं करते हैं कि राज्य का विकास तेजी से हो रहा है. किसी भी राज्य के ग्रामीणनुमा जिले में विद्युत ग्रीड लगभग नौ साल में भी चालू नहीं हो पाता है. यह कैसा विकास है. जिले के लोग विद्युत की समस्या से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. शहरी क्षेत्र में बिजली-पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. शहरी क्षेत्र में लगभग 80 विद्युत ट्रांसफारमर है. किंतु किसी भी ट्रांसफारमर में स्वीच नहीं है. कहीं भी अगर तार गिरती है तो पूरे शहरी क्षेत्र की विद्युत काटी जाती है. यह सिलसिल लगातार जारी रहता है. ग्रामीण क्षेत्रों की बात करना ही बेमानी होगी.
ग्रिड चालू होने से क्या होगा लाभ
विद्युत ग्रीड चालू होने से जिले के लोगों को बहुत फायदा होगा. जिले में नियमित बिजली रहेगी तो विद्युत आधारित उद्योग लगेंगे. लोगों को रोजगार मिलेगा. क्षेत्र में पलायान की बड़ी समस्या है. विद्युत की स्थिति में अगर सुधार हो जाये तो जिले में कल-कारखाने लगेंगे. जिले में लोगों को रोजगार मिले तो पलायन भी रूकेगा. जो इस क्षेत्र के लिए अभिशाप बना हुआ है. यह जिला उद्योग विहिन जिला है.