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झारखंड : संतोषी की मौत पर रघुवर ने दिया जांच का आदेश, सरयू का ट्वीट – बिना आधार वाले भी राशन के हकदार

रांची/नयी दिल्ली: झारखंड के सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड क्षेत्र में एक बच्ची की कथित रूप से अनाज की कमी से हुई मौत का मामला राष्ट्रीय मीडिया में तूल पकड़ने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास नेआज मामले की जांच का आदेश दिया है. उन्होंने स्वयं आज ट्वीट कर इस मामले में सरकार की […]


रांची/नयी दिल्ली: झारखंड के सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड क्षेत्र में एक बच्ची की कथित रूप से अनाज की कमी से हुई मौत का मामला राष्ट्रीय मीडिया में तूल पकड़ने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास नेआज मामले की जांच का आदेश दिया है. उन्होंने स्वयं आज ट्वीट कर इस मामले में सरकार की कार्रवाई की जानकारी दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है – सिमडेगा में बच्ची के निधन से व्यथित हूं, उपायुक्त को तुरंत पीड़ित परिवार से मिलने को कहा है. पीड़ित परिवार को हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने एक अगले ट्वीट में लिखा है – सिमडेगा उपायुक्त स्वयं 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देंगे, यदि कोई दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि झारखंड में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना दोबारा नहीं हो. इस मामले में झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मंगलवार शाम एक ट्वीट कर कहा है कि मैंने पांच अप्रैल को निर्देश दिया था कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, वे भी राशन लेने के अधिकारी हैं. उन्होंने लिखा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है.


उधर, इस बच्ची की मौत पर कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने सवाल उठाया है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट लिखा है और अपना एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में संदीप दीक्षित यह कहते दिख रहे हैं कि झारखंड के सिमडेगा जिले की बच्ची के परिवार को राशन कार्ड से अनाज आधार कार्ड नहीं होने के कारण मिलने में दिक्कत हो रही थी. दीक्षित ने कहा है कि ऐसे में आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने वाले सभी लोग इस मौत के लिए जिम्मेवार हैं. वे आधार परियोजना का विरोध जताते हुए अपना आधार कार्ड फाड़ते हुए दिख रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं इसमें हिस्सेदार नहीं हो सकता हूं. गौरतलब है कि कांग्रेस की सरकार ने ही देश में आधार परियोजना को लागू किया, जिस पर कई बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवायी हुई है, लेकिन अबतक उसे सेवाओं के लिए अनिवार्य नहीं बनाया गया है.



मृत बच्ची की मां कोयली देवी ने इस संबंध में आज न्यूज एजेंसी एएनआइ से कहा – मैं चावल लेने गयी थी, पर मुझे वहां कहा गया कि मुझे राशन नहीं मिलेगा. मेरी बेटी भात-भात कह कर मर गयी.

झारखंड के सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड के कारिमाटी गांव में पिछले दिनों 11 साल की बच्ची संतोषी की मौत हो गयी थी. दुर्गा पूजा की छुट्टियों के आसपास उसकी मौत हुई थी, जिसे स्कूल में छुट्टी के कारण मध्याह्न भोजन की अनुपलब्धता से जोड़ा गया. प्रशासन ने जहां इस मौत की वजह बीमारी को बताया, वहीं परिजनों ने इसे भूख से हुई मौत बताया. इस घटना पर पिछले दो दिनों में राष्ट्रीय मीडिया ने प्रमुखता से खबर की, जिसके बाद यह मामला एक मुद्दा बन गया.इन खबरों के अनुसार, बच्ची के परिवार का राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं हो पाया था. ऐसे में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले में जांच के आदेश दिये हैं.आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की ओर से 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता का भी आश्वासन दिया गया है.

चार-पांच दिन पूर्व इस मामले को सिमडेगा के संबंधित चिकित्सक ने मलेरिया से मौत का मामला बताया था.

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