भूख से मौत मामला : कोयली देवी ने कहा – गांव वाले मुझे घर छोड़ने को कह रहे हैं, मैं डरी हुई हूं

सिमडेगा : सिमडेगा के जलडेगा प्रखंड स्थित कारीमाटी गांव में भूख से मरनेवाली 11 साल की संतोषी कुमारी की मां कोयली देवी और उनका परिवार अपने ही घर में डरा-सहमा है. शुक्रवार शाम संतोषी कुमारी के परिवार को कुछ लोगों ने घर में घुस कर धमकी दी. घर के सामान फेंक देने की धमकी दी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2017 9:13 AM
सिमडेगा : सिमडेगा के जलडेगा प्रखंड स्थित कारीमाटी गांव में भूख से मरनेवाली 11 साल की संतोषी कुमारी की मां कोयली देवी और उनका परिवार अपने ही घर में डरा-सहमा है. शुक्रवार शाम संतोषी कुमारी के परिवार को कुछ लोगों ने घर में घुस कर धमकी दी. घर के सामान फेंक देने की धमकी दी. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने कोयली देवी से गाली-गलौज की और गांव से निकल जाने को कहा. संतोषी की मां कोयली देवी को धमकी दी कि उसके परिवार को गांव से निकाल दिया जायेगा. इस धमकी के बाद कोयली देवी और उसका परिवार डरा-सहमा किसी तरह रात गुजारा. इसके बाद शनिवार सुबह कोयली देवी ने अपने परिवार के साथ गांव छोड़ दिया. सभी ने पड़ोस के गांव पतिअंबा में आजसू के प्रखंड अध्यक्ष संतोष साहू के घर में शरण ली.
घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मच गया. उपायुक्त ने जलडेगा बीडीओ व थाना प्रभारी को कोयली देवी के परिवार को वापस उसके घर लाने का निर्देश दिया. शनिवार सुबह करीब 10 बजे पुलिस और प्रशासन की टीम पतिअंबा गांव पहुंची. पूरी सुरक्षा में कोयली देवी व उसके परिवार को वापस पांच घंटे बाद वापस कारीमाटी स्थित घर पहुंचाया. कोयली देवी के घर पर पुलिस बल की तैनाती की गयी है. मामले में पूर्व में ही कारीमाटी गांव के राशन दुकानदार भोला साहू और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रमेश कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है.
थाना प्रभारी को दिया आवेदन : कोयली देवी ने मामले को लेकर बीडीओ व थाना प्रभारी को आवेदन दिया है. कहा है कि शुक्रवार शाम को गांव के लोग आये व डराने- धमकाने लगे. गांव से भागने के लिए कहा. डर कर वह सुबह में परिवार के साथ पतिअंबा चली गयी.
बीडीओ संजय कोंगाडी ने कहा कि कोयली देवी के परिवार को डराने, धमकाने की बात सच होने पर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. कुछ लोगों पर प्राथमिकी के लिए थाने में आवेदन दिया गया है. प्राथमिकी की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.
मुखिया ने कहा, मिलने गये थे
मामले में मुखिया सुनीता डांग ने बताया कि वह गांव वालों के साथ कोयली देवी के परिवार से मिलने गयी थी. केंद्रीय जांच टीम गांव आनेवाली थी. इसी अलोक में सभी लोग घर पहुंचे थे. परिवारवालों को डराया-धमकाया नहीं गया है. वार्ड सदस्य जुलियानी डांग, कुंती देवी, सोमारी देवी, सुमित्रा देवी, इंदु देवी, सुखदेव सिंह, मनरखनी देवी, संतोषी देवी, हीरा देवी, जय सिंह, सरिता ने भी बताया कि कोयली देवी के परिवारवालों को किसी प्रकार की धमकी नहीं दी गयी है. सभी कोयली देवी से हाल-चाल पूछने गये थे.
कोयली के परिवार की सुरक्षा के लिए एक हवलदार और चार आरक्षियों को शस्त्र के साथ तैनात किया गया है. पुलिस को गश्ती बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया है. -राजीव रंजन सिंह, एसपी, सिमडेगा
शुक्रवार शाम कुछ लोगों ने संतोषी की मां कोयली देवी को घर पहुंच कर धमकाया
गाली-गलौज की, गांव छोड़ कर जाने की धमकी दी
परिवार के साथ पतिअंबा गांव चल गयी कोयली
सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने पुलिस टीम भेज कर वापस घर पहुंचाया
सुरक्षा के लिए कोयली देवी के घर पर पुलिस बल तैनात
कोयली देवी के परिवार को सुरक्षा मुहैया करा दी गयी है. कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि कोयली देवी के परिवार को गांव से भगा दिया गया है. बीडीओ संजय कोंगाड़ी व थाना प्रभारी सामूएल लिंडा पतिअंबा जाकर पूरे परिवार को कारीमाटी घर पहुंचा दिया है.
-मंजूनाथ भजंत्री, उपायुक्त, सिमडेगा
भय में परिवार : कोयली देवी
मैं और मेरा परिवार भय के माहौल में जी रहा है. गांव के लोग शुक्रवार की शाम को मेरे घर आये. गाली-गलौज की. गांव से भगा देने की धमकी दी. इसके बाद गांव छोड़ पतिअंबा चले गये.
संतोषी की मौत मलेरिया से नहीं हुई : एएनएम
कारीमाटी गांव की एएनएम (अब निलंबित) माला देवी ने दावा किया है कि संतोषी कुमारी को मलेरिया या कोई और बीमारी नहीं थी. मौत से एक दिन पहले ही वह संतोषी को देख कर गयी थी. उस वक्त उसे किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी. उसे बुखार भी नहीं था़ उसने शरीर के किसी हिस्से में दर्द की बात भी नहीं कही थी. उसने कहा कि संतोषी के घर की माली हालत ठीक नहीं थी. उसे खाने-पीने की काफी दिक्कत थी.
मुख्य सचिव के निर्देश निरस्त, दंड का भागी होगा माननेवाला
खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की ओर से दिये गये आधार आधारित राशन उठाव से संबंधित आदेश को निरस्त कर दिया है. उन्होंने विभागीय सचिव को मुख्य सचिव का आदेश रद्द करने से संबंधित पत्र लिखा है.
इसमें कहा है कि मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर राशन के आधार आधारित उठाव के संबंध में ऐसा निर्देश दिया, जो भारत सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के विपरीत है. यह निरस्त किये जाने योग्य है. आज से ही मुख्य सचिव के निर्देशों को निरस्त माना जायेगा. अभी के बाद निर्देशों का पालन करनेवाला समुचित दंड का भागी होगा. मंत्री ने इस बारे में सभी जिलों के उपायुक्तों, पदाधिकारियों और संस्थानों में प्रचारित-प्रसारित करने का निर्देश दिया है.
आधार कार्ड बनवाना राज्य सरकार का दायित्व : उन्होंने पत्र में कहा है कि भारत सरकार ने आधार कार्ड बनवाने का दायित्व राज्यों को सौंपा है. पात्रता रखनेवाले लाभुकों को हर हाल में राशन उपलब्ध कराने के संबंध में भी भारत सरकार के निर्देश स्पष्ट हैं. पर राज्य स्तर पर जिम्मेवार अधिकारियों ने इस मामले में असंवेदनशीलता का परिचय दिया. यह अफसोसनाक है. छह अप्रैल को ही मामले की जानकारी मिलने के बाद उनके स्तर से विभागीय सचिव से पूछा गया था कि मुख्य सचिव निर्देशों का आधार क्या है. लेकिन, आज तक विभागीय सचिव द्वारा इस संबंध में जानकारी नहीं दी गयी. इसकी वजह से कई निर्णय अब भी लंबित हैं.
क्या था मुख्य सचिव का आदेश
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने 27 मार्च को अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर आधार नंबर का उल्लेख नहीं रहनेवाले राशन कार्डों को रद्द करने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने भारत सरकार की अधिसूचना का उल्लेख करते हुए तीन दिन के अंदर बिना आधार नंबर वाले सभी राशन कार्डों को समाप्त करने के लिए समयावधि निर्धारित की थी. 29 मार्च को मुख्य सचिव के निर्देशों से संबंधित पत्र भी जारी किया गया था. मुख्य सचिव के उक्त निर्देश के आलोक में राज्य भर में लगभग 11.5 लाख राशन कार्ड को रद्द किया गया.
अवर सचिव करेंगे जांच
संतोषी की मौत की जांच केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अवर सचिव जगदीश गोगिया करेंगे. हजारीबाग जिले के बरही निवासी संजय मेहता ने 19 अक्तूबर को पत्र लिख कर केंद्र सरकार से मामले की शिकायत की थी. केंद्र सरकार ने उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जांच का जिम्मा मंत्रालय के अवर सचिव को सौंपा है. मालूम हो कि मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रमोद कुमार तिवारी के समक्ष राज्य सरकार ने मामले में अपना पक्ष रखा है.

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