रविकांत, सिमडेगा
प्रतिबंधित मांस फेंके जाने के विरोध में सड़क जाम कर रहे 12 लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन सिमडेगा जिला बंद के दूसरे दिन भी यहां की सभी दूकानें बंद रही. हालांकि इस बीच राहत की खबर यह है कि छठ महापर्व को ध्यान में रखते हुए अनिश्चितकालीन बंद को वापस ले लिया गया है. डीसी और एसपी के आश्वासन के बाद लोगों ने छठ व्रत को ध्यान में रखते हुए बंद को वापस लिया. बुधवार से दुकानें खुल जायेंगी.
इन दो दिनों के दौरान शहरी क्षेत्र के अलावा कुरडेग, बोलाब, केरसई प्रखंड में दुकानें पुरी तरह से बंद रही. वहीं कोलेबिरा, जलडेगा, लचड़ाबढ में कुछ दूकानें खुली, कुछ बंद रही. शहरी क्षेत्र में बंद को सभी समुदाय के लोगों ने अपना समर्थन दिया. बंद के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लगातार दो दिनों तक बंद से शहरी क्षेत्र में चाय पानी के भी लाले पड़ गये है. दो दिनों के बंद से लगभग 20 लाख का व्यवसाय प्रभावित हो चुका है.
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आंदोलन कर रहे लोगों ने मंदिर में प्रतिबंधित मांस फेंके जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का नाम प्राथमिकी से हटाने की भी मांग की है. लोगों ने कहा कि निर्दोष लोगों पर झूठा मुकदमा किया गया है. जिसे वापस लिया जाये. उस समय कहा गया था कि दोनों मांगे जब तक पूरी नहीं होगी तब तक सिमडेगा बंद जारी रहेगा.
क्या है मामला
धनतेरस व दीपावली के दिन धार्मिक स्थल में प्रतिबंधित मांस फेंके जाने के विरोध में सड़क जाम कर रहे 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में एक हजार लोगों को अज्ञात बताया गया है.
रात को भी छापामारी कर रही है पुलिस
मंदिर में प्रतिबंधित मांस फेंके जाने के बाद हुए रोड जाम के आंदोलन में बनाये गये आरोपियों के घर पर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. लोगों के घरों में रात को भी कई बार छापेमारी की जा रही है. छापामारी के कारण आरोपी के परिवार वालों का सोना हराम हो गया है.