कोलेबिरा के वोटरों ने हर बार महिला उम्मीदवार को किया खारिज
रांची : झारखंड के कोलेबिरा विधानसभा में अब तक 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इन चुनावों में महिलाओं की खूब उपेक्षा हुई है. अब तक सिर्फ आठ महिलाओं ने विधानसभा चुनावों में अपना भाग्य आजमाया. सिर्फ कांग्रेस ने दो बार महिला उम्मीदवार उतारे. हालांकि, अब तक किसी महिला को यहां जीत नहीं मिली. यानी […]
रांची : झारखंड के कोलेबिरा विधानसभा में अब तक 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इन चुनावों में महिलाओं की खूब उपेक्षा हुई है. अब तक सिर्फ आठ महिलाओं ने विधानसभा चुनावों में अपना भाग्य आजमाया. सिर्फ कांग्रेस ने दो बार महिला उम्मीदवार उतारे. हालांकि, अब तक किसी महिला को यहां जीत नहीं मिली. यानी कोलेबिरा ने अब तक किसी महिला को अपना विधायक नहीं चुना. एक बार कांग्रेस की महिला प्रत्याशी सिल्विया बागे को 42.31 फीसदी वोट मिले. यह किसी महिला उम्मीदवार को मिला सर्वाधिक मत प्रतिशत है.
महिला प्रत्याशियों की बात करें, तो उन्हें 0.42 फीसदी से लेकर 42.31 फीसदी तक मत मिले. खरिया समाज के उत्थान के लिए काम करने वाली रोज केरकेट्टा सबसे कम 0.42 फीसदी पाने वाली महिला प्रत्याशी रहीं. रोज ने 1985 में चुनावी राजनीति में भाग्य आजमाया था. निर्दलीय चुनाव लड़ने वालीं रोज को महज 326 मत मिले.
कांग्रेस ने दो बार महिलाओं को टिकट दिया. 1977 में उसकी उम्मीदवार लुईसा सोरेंग को 13.33 फीसदी मत मिले थे. 4,436 वोट पाकर चौथे स्थान पर रही थीं. इसी साल अगस्तिना कुजूर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 0.68 फीसदी मत पाकर छठे स्थान पर रहीं. उन्हें कुल 227 वोट मिले.
वर्ष 1985 के चुनाव में सिर्फ एक महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. कुल छह उम्मीदवारों में एकमात्र महिला उम्मीदवार सिल्विया बागे को 17,091 वोट मिले. वह दूसरे स्थान पर रहीं. कोलेबिरा विधानसभा के चुनावों में किसी महिला का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. वह दूसरे स्थान पर रही थीं. झारखंड पार्टी के वीर सिंह मुंडा ने उन्हें करीब 10 हजार मतों के अंतर से पराजित कर दिया था.
वर्ष 2000 में सिल्विया बागे ने फिर चुनाव मैदान में ताल ठोंका. इस बार उन्हें किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो वह निर्दलीय मैदान में कूद पड़ीं. 15 साल पहले कांग्रेस के टिकट पर शानदार प्रदर्शन करने वाली सिल्विया को इस बार निराशा हाथ लगी. 2.82 फीसदी वोट पाकर वह 11 उम्मीदवारों में चौथे स्थान पर रहीं. इस बार उन्हें 2,206 मतों से ही संतोष करना पड़ा.
इसी चुनाव में जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता रोज केरकेट्टा ने भी स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधानसभा के दरवाजे पर दस्तक देने की ठानी. खरिया भाषा और खरिया समाज की ‘महाश्वेता देवी’ कही जाने वाली रोज का प्रदर्शन किसी महिला प्रत्याशी के मुकाबले बहुत खराब रहा. उन्हें सिर्फ 236 मत मिले. 0.42 फीसदी मत पाकर इस चुनाव में रोज केरकेट्टा 10वें स्थान पर रहीं.
विधानसभा के लिए वर्ष 2005 में हुए चुनावों में दो महिला प्रत्याशी मैदान में उतरीं. मंजू देवी और शीला देवी. मंजू निर्दलीय प्रत्याशी थीं, तो शीला को झारखंड विकास दल ने अपना उम्मीदवार बनाया था. शीला को 0.75 फीसदी मत मिला और वह चुनाव लड़ रहे 16 प्रत्याशियों में अंतिम पायदान पर रहीं. वहीं, मंजू को 2.27 फीसदी मत मिले. वह 2,247 मतों के साथ 10वें नंबर पर रहीं.
वर्ष 2014 में जब विधानसभा चुनाव हुए, तो कोलेबिरा से 10 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें माधुरी सोरेंग एकमात्र महिला उम्मीदवार थीं, जिसे बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) ने टिकट दिया था. माधुरी 1.22 फीसदी मत पाकर नीचे से दूसरे यानी नौवें स्थान पर रहीं. उन्हें कुल 1,510 मत मिले.
चुनाव का वर्ष | कुल प्रत्याशी | महिला प्रत्याशी | प्रत्याशी का नाम | पार्टी का नाम | कुल प्राप्त मत | प्राप्त मत प्रतिशत | किस स्थान पर रहीं |
1977 | 06 | 02 | लुईसा सोरेंग | कांग्रेस | 04,436 | 13.33 | चौथे |
अगस्तिना कुजूर | निर्दलीय | 00,227 | 00.68 | छठे | |||
1985 | 06 | 01 | सिल्विया बागे | कांग्रेस | 17,091 | 42.31 | दूसरे |
2000 | 11 | 02 | सिल्विया बागे | निर्दलीय | 02,206 | 02.82 | चौथे |
रोज केरकेट्टा | निर्दलीय | 00,326 | 00.42 | 10वें | |||
2005 | 16 | 02 | मंजू देवी | निर्दलीय | 02,247 | 02.27 | 10वें |
शीला देवी | झारखंड विकास दल | 00,739 | 00.75 | 16वें | |||
2014 | 10 | 01 | माधुरी सोरेंग | झारखंड विकासमोर्चा | 01,510 | 01.22 | नौवें |