पढ़ें, कोलेबिरा के नवनिर्वाचित विधायक विक्सल कोंगाड़ी का डिटेल इंटव्यू , देखें वीडियो

कांग्रेस पार्टी में 1999 से अलग- अलग पदों पर रहे विक्सल कोंगाड़ी ने कोलेबिरा उपचुनाव में जीत हासिल की. प्रभात खबर डॉट कॉम ने उनसे विशेष बातचीत की. यह बातचीत इसलिए भी जरूरी थी क्योंकि इस चुनाव पर सिर्फ क्षेत्रीय मीडिया की नहीं बल्कि नेशनल मीडिया की भी नजर थी. इस जीत ने विक्सल को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2018 4:39 PM

कांग्रेस पार्टी में 1999 से अलग- अलग पदों पर रहे विक्सल कोंगाड़ी ने कोलेबिरा उपचुनाव में जीत हासिल की. प्रभात खबर डॉट कॉम ने उनसे विशेष बातचीत की. यह बातचीत इसलिए भी जरूरी थी क्योंकि इस चुनाव पर सिर्फ क्षेत्रीय मीडिया की नहीं बल्कि नेशनल मीडिया की भी नजर थी. इस जीत ने विक्सल को कोलेबिरा के एक छोटे से गांव से सीधे दिल्ली पहुंचा दिया. उनके संघर्ष में पत्नी का साथ रहा जिनकी मौत कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से हो गयी. मां अपने पैसे देकर विक्सल की मदद करती रही ताकि वह इस मुकाम तक पहुंच सकें. प्रभात खबर डॉट कॉम ने विक्सल से ना सिर्फ उनकी राजनीति, भविष्य की योजनाओं पर बात की बल्कि उनसे संघर्ष के दौर पर भी बातचीत की, जिसे हमने आपतक पहुंचाने की कोशिश की है. पढ़ें पंकज कुमार पाठक के साथ अरविंद सिंह की रिपोर्ट:-

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आपको दिल्ली बुलाया था, क्या बातचीत हुई ?

मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को उन्होंने बुलाया ,यह बेहद रोमांचक था. उन्होंने कहा, आनेवाले चुनाव में कांग्रेस को आपकी जरूरत होगी. आपकी जो छवि है वह बरकरार रहनी चाहिए. कांग्रेस को लेकर अभी जनता के बीच जो माहौल है वह कायम रखना चाहिए. जब मैं दिल्ली गया तो वहां का माहौल देखकर लगा कि कोलेबिरा की चर्चा सभी जगह है. सिर्फ पार्टी ही नहीं देश की दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी कोलेबिरा चुनाव पर ध्यान दे रहीं थीं.

अब लोग आपको विक्सल छोड़कर विधायक जी बुला रहे हैं कैसा लग रहा है यह नया संबोधन ?

मुझे यह संबोधन थोड़ा अटपटा लग रहा है. मेरी पार्टी में जो भी लोग हैं मेरी जनता है, मैं उनसे कह रहा हूं विधायक कहकर दूरी मत बनाइए. मैं आपका वही विक्सल हूं. मुझे जिम्मेदारियां मिली है, मैं उन जिम्मेदारियों को पूरा करूंगा विधायक बना हूं लेकिन आम लोगों के लिए वही हूं.

आपकी पहली हवाईयात्रा थी. पहली यात्रा का अनुभव कैसा रहा, इस बारे में बतायें

मुझे जब पता चला कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने जाना है तो उत्साहित हुआ. इसके बाद जानकारी मिली कि प्लेन से जाना है तो मैंने अपने साथ कुछ साथियों का नाम दिया लेकिन बाद में मुझे अकेले जाने के लिए कहा गया. थोड़ा असहज महसूस कर रहा था क्योंकि मुझे कोई जानकारी नहीं थी कि कैसे प्लेन में जाना है प्रक्रिया क्या है.

आपका वोटर कार्ड नहीं था, आपसे जब पूछा गया कि किसको टिकट दिया जाए, लगा था चुनाव लड़ पायेंगे ?

जब चुनाव के लिए मैंने अपने कागजात जमा किये तो पता चला कि वोटर लिस्ट में नाम नहीं है. मैंने आवेदन दिया, कोर्ट नोटिस भेजा. अपने क्षेत्र के सभी धर्म के लोगों से प्रार्थना के लिए कहा. उनकी दुआओं के कारण ही यह काम हो सका क्योंकि यह एक लंबी प्रक्रिया थी. चुनाव लड़ने से ज्यादा संघर्ष तो मुझे इस काम में करना पड़ा है.

आप अपनी इस जीत का श्रेय किसे देना चाहेंगे

मेरी मां और पत्नी ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है. मां कम पैसों में मरीजों का इलाज करती है और बेहद कम आय के बावजूद भी उन्होंने मुझे क्षेत्र में काम करने में मदद की. शादी के बाद मेरी पत्नी ने भी मेरी मदद की. जब पता चला कि मेरी पत्नी को कैंसर है, तो उनका इलाज चला लेकिन वह अब हमारे साथ नहीं है. अप्रैल माह में उनका निधन हुआ इसके 15 दिन बाद ही एनोस एक्का की सदस्यता खत्म हो गयी. मैं संघर्ष करता रहा.

विधायक बनने के बाद आपकी प्राथमिकता क्या है?

हमारे क्षेत्र में आजीविका का साधन जंगल है. सब उसी पर निर्भर हैं. आदिवासी डरे हुए हैं. उन्हें लगता है उनका अधिकार छीन लिया जायेगा, जमीन छीन ली जायेगी. पिछले कुछ महीनों में जमीन छीने जाने का डर कम हुआ है लेकिन जंगल को लेकर उनके अधिकार अब भी कानून के दायरे में नहीं है. मैं सबसे पहले उन्हें अधिकार दिलाने की कोशिश करूंगा. विधानसभा में उनकी आवाज बुलंद करूंगा.

भाजपा के बड़े नेता प्रचार के लिए नहीं गये आपको क्या लगता है यह आपके लिए कितना फायदेमंद रहा ?

भाजपा का इस क्षेत्र में एक फिक्स वोटबैंक हैं. भाजपा के नेता जानते थे कि वह हारेंगे. इसलिए प्रचार में नहीं गये. कोलेबिरा में 72 ट्राइब हैं उन्होंने उनके खिलाफ काम किया है.

एनोस एक्का तीन बार से चुनाव जीत रहे थे उनकी जीत का क्या कारण लगता है आपको ?

मेरा आकलन है कि कांग्रेस पार्टी अपने सिद्धांत जन- जन तक नहीं पहुंचा पायी. इसलिए क्षेत्रीय पार्टी को लेकर भरोसा बढ़ा इसलिए वह तीन बार जीत गये. मैंने क्षेत्र के लिए काम किया और पार्टी की नीतियों को पहुंचाया.

Next Article

Exit mobile version