सिमडेगा : ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने बोलबा प्रखंड के पाकर बहार मैदान में रौतिया समाज के 21वां वार्षिक सम्मेलन में कहा, वो रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग मुख्यमंत्री रघुवर दास से करेंगे.
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा और विधायक विमला प्रधान शामिल हुए. इस मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष देवकुमार सिंह ने मुंडल सिंह एवं बख्तर साय के योगदानों की चर्चा करते हुए कहा, हमें झारखंड सरकार अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे.
विधायक विमला प्रधान ने कहा कि रौतिया जाति की सांस्कृति आदिवासियों से काफी मेल खाती है. रहन-सहन संस्कृति भी आदिवासियों की है. उन्होंने यह भी कहा कि 13 राज्य में रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला हुआ है. इसी प्रकार झारखंड में भी रौतिया को आदिवासी का दर्जा देने की वो वकालत करती हैं.
मुख्य अतिथि नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि रौतिया की रीति रिवाज व समाज का रहन-सहन, खान-पान सांस्कृतिक यंहा के आदिवासियों से मिलती है. ऐसी स्थिति में मैं व विधायक दोनों ही मुख्यमंत्री से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग करेंगे.
श्री मुंडा ने कहा कि मुंडल सिंह एवं बख्तर साय ने भारत को आजाद करने के लिए लड़ाई लड़े. आज हम उनके सपने को पूरा करेंगे. हर टोला को सड़क से जोड़ेंगे. अटल बिहारी वाजपेयी का सपना हर ग्राम को शहरों से जोड़ने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि कोलेबिरा विधानसभा में रोड, पेयजल की स्थिति काफी खराब है. हमारी सरकार सभी समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही है. सोलर लाईट सिस्टम लगाकर गांव में रौशनी एवं पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.
किसान को 5000 रुपये खेती करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. समाज के जिला अध्यक्ष रोहित सिंह, प्रदेश अध्यक्ष लालदेव सिंह ने अपने विचार प्रकट किये. प्रमुख सुरजन बड़ाइक ने प्रखंड में नेटवर्क समस्या एवं बिजली समस्या से मंत्री को अवगत कराया. धन्यवाद ज्ञापन जोहरण सिंह व मंच संचालन धर्मवीर सिंह ने किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से बीडीओ ज्ञानमनी एक्का, रुकमणी देवी, रामजतन सिंह, रामप्रसाद सिंह, डीडी सिंह, बिरसू सिंह, रूपलाल सिंह, नित्यानंद सिंह आदि लोग उपस्थित थे.