रविकांत साहू
सिमडेगा : ठेठईटांगर प्रखंड कोरंजो जीईएल पेरिश में चल रहा विवाद आज फिर सड़क पर उतर आया. ग्रामीणों के भारी विरोध तथा रांची से आये अधिकारियों द्वारा मिलन समारोह को स्थगित किये जाने के लिखित सूचना के बाद मामला शांत हुआ. घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक कोरंजो पेरिस दक्षिण पूर्व डोयोसिस खूंटी रांची द्वारा संचालित होता था. लेकिन 2005 में कोरंजो पेरिस को सिमडेगा के खूंटी टोली मध्य डायोसिस के अधीन करने की घोषणा की गयी थी.
उस वक्त से ही ग्रामीणों द्वारा उक्त निर्णय का विरोध किया जा रहा है. कोरंजो पेरिस के कुछ गांव मध्य डायोसिस खूंटी टोली के अधिन करने के पक्ष में है. जबकि ज्यादातार गांव के लोग दक्षिण पूर्व डायोसिस खूंटी में ही रहना चाहते हैं. यही विवाद 2005 से ही चल रहा था. आज मध्य डायोसिस में कोरंजो पेरिस को मिलाने के लिए मिलन समारोह का भी आयोजन किया गया था. जिसमें भाग लेने के लिये रांची से जीईएल चर्च के पदाधिकारी आ रहे थे. इसकी सूचना मिलते ही दक्षिण पूर्व डायोसिस के समर्थक कोरंजो पेरिस सचिव फिलिप भेंगरा, कोषाध्यक्ष जेम्स लुगून सहित ख्रीस्तोधान लुगून, अबनेजर लुगून, जीरेन बा के नेतृत्व में ग्रामीण सड़कों पर उतर आये.
रांची से आ रहे चर्च के अधिकारियों को गांव तक आने से रोकने के लिए झगड़ू पुल के निकट रोड को जाम कर दिया गया. कार्यक्रम में रांची गोसनर एवजेलिंक लुथरेन कलिसिया छोटानागपुर एवं असमस्थ केंद्रीय परिषद कार्यालय रांची के मोडरेटर रेव्ह डॉ जोहन डांग, दक्षिणी पूर्व डायोसिस के रेंव्ह डॉ जोसेफ सांगा, मध्य डायोसिस के बिशप मुरेल विलुंग, नॉर्थ वेस्ट डायोसिस के विशप जॉनसन लकड़ा, सुमित अभय केरकेट्टा आ रहे थे.
जिन्हें ग्रामीणों ने झगड़ु नाला के निकट रोक दिया. ग्रामीणों के भारी विरोध व दक्षिणी पूर्व डायोसिस खूंटी में ही रखने के आवेदन देने के बाद रांची से आये चर्च के अधिकारियों ने मिलन समारोह के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया. इसके बाद मामला शांत हुआ. स्थिति को देखते हुए कार्यक्रम स्थल पर पुलिस बल भी तैनात थी.