लोकतंत्र को मजबूत बनाने में राजनीतिक पार्टियों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका : विप्रा भाल

रविकांत साहू, सिमडेगा समाहरणालय में उपायुक्त विप्रा भाल की अध्यक्षता में राजनैतिक पार्टियों के साथ आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक आयोजन की गयी. बैठक में मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के चुनावी मुद्दों पर चर्चा की गयी. सभी राजनैतिक पार्टियों को चुनाव से संबंधित दिशा-निर्देश दिये गये. जिले में शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया हेतु आचार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2019 10:49 PM

रविकांत साहू, सिमडेगा

समाहरणालय में उपायुक्त विप्रा भाल की अध्यक्षता में राजनैतिक पार्टियों के साथ आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बैठक आयोजन की गयी. बैठक में मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के चुनावी मुद्दों पर चर्चा की गयी. सभी राजनैतिक पार्टियों को चुनाव से संबंधित दिशा-निर्देश दिये गये. जिले में शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया हेतु आचार संहिता का पालन करने हेतु पार्टियों निर्देश दिया गया.

उपायुक्त ने कहा कि राजनैतिक पार्टियां ही सुधारों की शुरूआत करती हैं. चुनावी लोकतंत्र को मजबूत बनाने में राजनैतिक पार्टियां सबसे महत्वपूर्ण हितधारक है. उपायुक्त ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे राजनैतिक मुद्दों में पारदर्शिता, सोशल मीडिया सहित पारंपरिक मीडिया प्रबंधन, मतदान और मतगणना के संदर्भ में सभी हितधारकों का विश्वास तथा लोकतंत्र को मजबूत बनाने के विषय पर अपने सुझाव दें.

इसी के साथ सभी राजनैतिक दलों ने आश्वासन दिया कि वे मतदाता सूची को तैयार करने में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे. इस दौरान उपायुक्त ने आदर्श आचार संहिता तथा पेड न्यूज के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों एवं विभिन्न अधिनियमों की विस्तार से जानकारी दी. विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्रों की संख्या, मतदाताओं की संख्या तथा चुनाव कार्य में नियुक्त अधिकारियों, कर्मचारियों के संबंध में भी जानकारी दी गयी.

आदर्श आचार संहिता उल्लंघन पर की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में बताया गया. विधानसभा मतदान केंद्रों की संख्या 70 सिमडेगा में, 301 तथा 71 कोलेबिरा में 270 है. वहीं जिलावार मतदान केंद्रों की संख्या 70 सिमडेगा पालकोट को छोड़कर 227, 71 कोलेबिरा में 270 तथा 59 तोरपा में 89 मतदान केंद्र हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 599813 है. बैठक में उपविकास आयुक्त अनन्य मित्तल के अलावा अन्य पदाधिकारी व सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल थे.

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