सिमडेगा : लमडेगा में विराट हिंदू महासभा का किया गया आयोजन
रविकांत साहू, सिमडेगा जलडेगा प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय लमडेगा में विराट हिंदू महासभा का आयोजन किया गया. अतिथियों द्वारा भारत माता के तस्वीर पर माल्यार्पण कर व दीप जलाकर महासभा का उद्धाटन किया गया. अतिथियों का स्वागत लमडेगा गांव की महिलाओं ने स्वागत गीत के साथ पारंपरिक तरीके से किया. विहिप जिला अध्यक्ष कौशल […]
रविकांत साहू, सिमडेगा
जलडेगा प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय लमडेगा में विराट हिंदू महासभा का आयोजन किया गया. अतिथियों द्वारा भारत माता के तस्वीर पर माल्यार्पण कर व दीप जलाकर महासभा का उद्धाटन किया गया. अतिथियों का स्वागत लमडेगा गांव की महिलाओं ने स्वागत गीत के साथ पारंपरिक तरीके से किया.
विहिप जिला अध्यक्ष कौशल राज सिंहदेव ने महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू समाज जाति संप्रदाय से ऊपर उठकर संगठित होकर समाज हित में कार्य करे. संगठन में शक्ति है. एकता नहीं होने के कारण ही हमारे देश में मुगल व अंग्रेजों ने कब्जा जमाकर वर्षो शासन किया. उन्होंने कहा कि भारत में जहां जहां हिंदू कम हुए वहां वहां देश विभाजित हुआ.
हम आज कश्मीर के लिए संघर्षरत है. धीरे-धीरे भारत का स्वरूप छोटा होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरना स्थल की पूजा नहीं हो रही है. लोग सरना धर्म छोड़ दूसरे धर्म मे जा रहे हैं. उन्होंने कहा जो सरना पहान पुजार दूसरे धर्म में चले गये हैं वहां सरना वालों को पहान पुजार बनायें. नियम से सरना मां की पूजा नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कारिक शिक्षा दें. उन्हें धर्म के बारे भी बतायें. उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम हर दिन अपने माता-पिता को चरण स्पर्श कर प्रणाम करते थे. पर आज बच्चे विमुख हो रहे हैं. बच्चे बड़ों व माता पिता का सम्मान करें व आशीर्वाद लेकर ईश्वर की पूजा करें. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को तोड़ने के लिए विदेशी शक्ति सक्रिय है. हमें जाति संप्रदाय में बांटने की कोशिश की जा रही है. देश, धर्म व समाज को बचाने के लिए हिंदू को संगठित रहने की जरूरत है.
सभा को बनारस से आये बाबा बालगोविंद दास, साध्वी निर्मला जी, आरएसएस के लहरू सिंह, सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरिश्चंद्र भगत, शीतल प्रसाद, नंद किशोर अग्रवाल सहित कई अन्य लोगों ने भी संबोधित किया. मंच संचालन मनोज कुमार गोस्वामी व धन्यवाद ज्ञापन कमलेश शरण सिंह व स्वागत भाषण गंगा राम प्रधान ने दिया.
महासभा में कमल सेनापति, सुभाष साहु, मदन साय, लक्ष्मण गंझू, दिलावर बड़ाईक, जोगेश्वर बिझिंया, जालंधर सिंह, विवश नाथ, छोटू बैठा, भोला साहु, रामलखन सिंह, अमरदीप नाग, प्रेम चंद मांझी, चैतु प्रधान, डोमरा सिंह, किसुन कुल्ला, अर्जुन प्रधान, छोटू प्रधान, गुलबदन प्रधान, बालमुकुंद सिंह, फगुआ कुल्ला, ऊषा सिंह, बिरसा जोजो, टिकला प्रधान, पंकजनी देवी, चंद्रमा देवी, द्रौपदी देवी, इंद्राणी देवी, फुलमनी देवी, सावित्री देवी, संगीता देवी, लीलावती कुमारी सहित काफी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग उपस्थित थे.