रविकांत साहू
सिमडेगा : झारखंड की सिमडेगा पुलिस ने मानव तस्करों के चंगुल से 13 लड़कियों को बचाया है. इन लड़कियों को पुलिस की टीम बेंगलुरु एवं हैदराबाद से सिमडेगा लायी है. आदिवासी बहुल सिमडेगा इलाका के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गरीबी में जीवन बसर करते हैं. इसका लाभ मानव तस्कर उठाते हैं.
गरीबी में जीवन बसर करने वाली आदिवासी लड़कियों को नौकरी और रुपये का लालच देकर बड़े शहरों में ले जाते हैं. मानव तस्कर इन भोली-भाली लड़कियों को बताते हैं कि शहर में ढेर सारे पैसे मिलेंगे. ऐश-ओ-आराम की जिंदगी होगी. लड़कियां और उनके परिवार के लोग इनके झांसे में आ जाते हैं.
शहर में जाने के बाद उन्हें मालूम होता है कि उनकी जिंदगी तबाह हो चुकी है. मानव तस्कर इन लड़कियों को बड़ी-बड़ी कोठियों में डाल देते हैं. इसके एवज में मानव तस्करों को लाखों रुपये मिलते हैं, जबकि लड़कियों को फूटी कौड़ी तक नहीं मिलती.
इतना ही नहीं, आदिवासी लड़कियां महानगरों में प्रताड़ित भी होती हैं. सिमडेगा पुलिस को लगातार मानव तस्करी की सूचना मिल रही थी. सूचना के आधार पर एसपी संजीव कुमार ने एक टीम का गठन किया. रेस्क्यू टीम ने एक मानव तस्कर फुल जेम्स कुल्लू को गिरफ्तार किया.
उसकी निशानदेही पर यह टीम कई दिनों तक बेंगलुरु और हैदराबाद की खाक छानती रही. कुल्लू की निशानदेही पर पुलिस इन दोनों राज्यों से 11 लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराकर सिमडेगा ले आयी.
इधर, सिमडेगा के कोलेबिरा बस स्टैंड से भी 2 नाबालिग लड़कियों को पुलिस ने तस्करों के चंगुल से निकाला और उन्हें सिमडेगा लायी. रेस्क्यू कर लायी गयी लड़कियों में साहिबगंज, पाकुड़, गिरिडीह, खूंटी के अलावा सिमडेगा की लड़कियां भी शामिल हैं.
सिमडेगा के एसपी संजीव कुमार ने कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है. पूछताछ के बाद गिरफ्तार किये गये मानव तस्कर को जेल भेज दिया गया. एसपी ने बताया कि कुछ बच्चे रिमांड होम से भी उन्हें मिले हैं. इन्हें मानव तस्कर ले गये थे और किसी तरह वे रिमांड होम पहुंच गये थे.
एसपी ने बताया कि मानव तस्करी करने वाली वंदना डांग को गिरफ्तार किया गया है, जो अपने पति की अनुपस्थिति में यह कारोबार कर रही थी. वंदना के पति को पिछले दिनों मानव तस्करी करने के जुर्म में ही उम्रकैद की सजा हुई है.
एसपी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इलाके की जितनी भी बच्चियों को तस्करों ने अन्य राज्यों में बेचा है, उन सबको पुलिस सुरक्षित उनके घर तक लायेगी. उल्लेखनीय है कि झारखंड के गुमला और सिमडेगा जिला समेत आदिवासी बहुल इलाकों में आये दिन मानव तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं.