इन जगहों पर मनायें नववर्ष का पहला दिन

सिमडेगा : जिले में कई ऐसे जगह हैं जहां नववर्ष को सेलिब्रेट कर सकते हैं. सैलानी यहां सपरिवार आकर मौज-मस्ती करते हैं. जिले के गोबरधंसा व कोलेबिरा डैम मन मोह लेता है. इन जलाशयों में लोग शौक से मछली मारने का भी आनंद उठा सकते हैं. गोबरधंसा डैम : कोलेबिरा प्रखंड मुख्यालय से लगभग तीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 10:17 AM
सिमडेगा : जिले में कई ऐसे जगह हैं जहां नववर्ष को सेलिब्रेट कर सकते हैं. सैलानी यहां सपरिवार आकर मौज-मस्ती करते हैं. जिले के गोबरधंसा व कोलेबिरा डैम मन मोह लेता है. इन जलाशयों में लोग शौक से मछली मारने का भी आनंद उठा सकते हैं.
गोबरधंसा डैम : कोलेबिरा प्रखंड मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर पर स्थित गोबरधंसा डैम पहाड़ों व जंगलों से घिरा है़ यहां मनोरम प्राकृतिक दृश्य लोगों को बरबस ही आकर्षित करती है़ नव वर्ष पर यहां सैलानियों की काफी भीड़ होतीहै़ यहां पर सैलानी मछली मारने का भी आनंद उठाते हैं. साथ ही यहां के मनोरम दृश्य को अपने कैमरे में कैद करते हैं.
कोलेबिरा डैम : कोलेबिरा डैम प्रखंड मुख्यालय से लगभग एक किलोमीटर पर स्थित है़ यहां पर भी नव वर्ष पर काफी संख्या में सैलानी आते हैं़ साथ ही पिकनिक मनाने के साथ मछली मारने का भी आनंद उठाते है. यहां पर शिव मंदिर भी है जो लोगों के लिये आस्था का केंद्र है़ पिकनिक मनाने के साथ यहां पर लोग पूजा-अर्चना भी करते हैं.
कोयल नदी : बानो प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर पर स्थित कोयल नदी अपने गोद में प्राकृतिक छटा समेटे हुए है़ यहां पर हरे भरे जंगल बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है़ नववर्ष पर यहां पर सैलानियों की अत्यधिक भीड़ होती है़ विभिन्न क्षेत्रों से सैलानी यहां पिकनिक मनाने के लिये आते हैं तथा प्राकृतिक छटा का आनंद उठाते हैं.
सात कोठा : जलडेगा प्रखंड के 14 किलोमीटर पर खरवागढ़ा गांव के निकट स्थित पर्यटन स्थल सात कोठा पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है. जंगलों व पहाड़ों से घिरा यह सुंदर व मनोरम स्थल को प्रकृति ने अपनी नजरे इनायत की है़ यहां पहाड़ों से गिरते झरने एवं उंचे नीचे पर्वत काफी लुभावने लगते हैं, यहां पर पिकनिक मनाने के लिये दूर-दूर से सैलानी आते हैं तथा प्राकृतिक छटा का आनंद उठाते हैं. नववर्ष पर यहां मेले सा नजारा होता है. लुड़गी नदी की तेज धाराएं जब उपर से सातकोठा में गिर कर सात कुंडों से होकर गुजरती हैं. यह दृश्य मन को मोहती है. नदी की तेज धाराओं से ही सात कुंडो का निर्माण हुआ है़

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