* ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के प्रयास से हुआ आवागमन बहाल, डीडीसी भी पहुंचे जाम स्थल पर
सिमडेगा : राउरकेला सिमडेगा एनएच 143 मुख्य पथ पर शुक्रवार को तीसरे दिन किसी प्रकार आवागमन बहाल हो गया. लोहा वाला हलुवाई पुल के पास बने नये पुल के एप्रोच पथ में मिट्टी धंसने के कारण 31 जुलाई से ही आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया था. जाम के कारण लगभग तीन हजार ट्रक मुख्य पथ के अलावा अन्य पथों में फंसे रहे.
* ट्रक एसोसिएशन ने निभायी सराहनीय भूमिका
लगातार रोड जाम को खुलवाने का प्रयास कर रहे ट्रक एसोसिएशन के लोगों को सफलता मिली. एसोसिएशन द्वारा मिट्टी, मोरम, पत्थर तथा राबीश डाल कर शुक्रवार को दिन के पांच बजे के करीब रोड को चालू कराने में सफलता हासिल की. सूत्रों के अनुसार रोड को चालू कराने में लगभग डेढ़ लाख से भी ज्यादा रुपये का मोरम, पत्थर तथा राबीश को डाला गया.
एसोसिएशन की सक्रियता तथा कड़ी मेहनत के कारण ही रोड जाम खुल सका है. एसोसिएशन के लोगों ने बताया कि पुल के पास एप्रोच पथ पर लगे जाम के लिए पूरी तरह से एनएच विभाग तथा ठेकेदार जिम्मेवार हैं. जाम के लिए ट्रक एसोसिएशन को जिम्मेवार ठहराना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है. कुछ लोगों ने कहा कि पुल के पास एप्रोच पथ की दूर्दशा तथा जाम के लिये एनोस एक्का को भी जिम्मेवार ठहराना गलत है.
* जाम खुलते ही चालकों के चेहरे पर दिखी रौनक
दिन रोड जाम खुलते ही ट्रक चालकों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी. ट्रक से उतर कर इधर से उधर घूम रहे चालकों के कान में जाम खुलने की आवाज जैसे ही पहुंची वे लोग अपनी अपनी ट्रक पर चढ गये. फिर ट्रकों के पहिये मुख्य पथ पर घूमने लगे.
* ऐतना लाठी मारेंगे कि गिननेवाला भूल जायेगा
तीन दिनों के जाम खुलने के बाद ट्रक चालकों में आगे निकलने की होड़ देखी गयी. ट्रक चालकों को नियंत्रित करने तथा एक लाइन में चलाने के लिए पुलिस को मुख्य पथ पर तैनात देखा गया. इतने में एक सरदार जी अपने ट्रेलर को लेकर बीच रोड में आ गये. दूसरी तरफ एक ट्रक लगी हुई थी, इसलिए यह स्थिति उत्पन्न हुई. ट्रेलर चालकों को एक एएसआइ ने कहा कि लाइन में चलो नहीं तो इतना लाठी मारेंगे कि गिनने वाला भी भूल जायेगा.
* 76 किलोमीटर पहुंचे पांच दिन में
सिमडेगा : 76 किलोमीटर की दूरी तय करने में ट्रकों को पांच दिन लग गये. हलुवाई पुल के पास लगे जाम के कारण दोनों ओर लगभग पांच हजार से भी ज्यादा ट्रक फंसे हुए है. लगातार जाम में रहने के कारण ट्रक चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रक चालकों की हालत बदतर हो गयी है.
चालकों के पास खाने के लिए भी पैसे नहीं है. जानकारी के मुताबिक ट्रक चालकों को राउरकेला से सिमडेगा तक आने में 5 दिन लग गये. जबकि राउरकेला से सिमडेगा की दूरी है 76 किलोमीटर. जोराम स्थित नये पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो जाने के कारण कारण दो दिनों तक मुख्य पथ जाम रहा. किसी प्रकार जोराम के निकट पत्थर भर कर पुराने पुल पर आवागमन बहाल किया गया.
अब हलुवाई पुल स्थित नये पुल के पास मिट्टी के कटाव के कारण रोड जाम हो गया. यहां पर 31 जुलाई की रात से ही जाम लगा हुआ था. जाम के कारण मुख्य पथ के अलावा अन्य पथों पर लगभग पांच हजार से भी ज्यादा वाहन तीसरे दिन लगभग पांच बजे तक फंसे रहे. जाम के कारण वाहन व्यवसाय को लाखों रूपये का नुकसान उठाना पड़ा.