चालीसा काल त्याग का समय
विश्वासियों के माथे पर राख से क्रूस चिह्न् अंकित किया गया सिमडेगा : ईसाई धर्मावलंबियों का चालीसा काल प्रारंभ होने पर सिमडेगा धर्मप्रांत के सभी गिरजाघरों में विशेष मिस्सा अनुष्ठान का आयोजन किया गया. इस मौके पर विशेष रूप से विश्वासियों के माथे पर राख से क्रुस चिह्न् अंकित किया गया. सामटोली स्थित संत अन्ना […]
विश्वासियों के माथे पर राख से क्रूस चिह्न् अंकित किया गया
सिमडेगा : ईसाई धर्मावलंबियों का चालीसा काल प्रारंभ होने पर सिमडेगा धर्मप्रांत के सभी गिरजाघरों में विशेष मिस्सा अनुष्ठान का आयोजन किया गया.
इस मौके पर विशेष रूप से विश्वासियों के माथे पर राख से क्रुस चिह्न् अंकित किया गया. सामटोली स्थित संत अन्ना महागिरजा घर में तीन मिस्सा अनुष्ठान किया गया.
प्रथम मिस्सा फादर शैलेस केरकेट्टा संपन्न कराया. जिसमें फादर मरियानुस गुलाब लुगून ने सहयोग किया. दूसरी मिस्सा बिशप विंसेंट बरवा ने संपन्न कराया. तीसरी मिस्सी फादर राजन देव स्वरूप मिंज ने संपन्न कराया. उनका सहयोग फादर कार्नेलियुस तिर्की ने किया. दूसरी मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में बिशप बरवा ने कहा कि चालीसा काल प्रार्थना एवं त्याग-तपस्या का समय होता है. हमें चालीसा काल के दौरान पश्चयाताप करने, सुसमाचार को समझने एवं पुण्य कमाने का काम करना चाहिए.
चालीसाकाल हमें ईश्वर की खोज के लिये प्रेरित करता है. ईश्वर का प्रेम बहुमूल्य है. हमें ईश्वर के प्रेम को पहचानना चाहिए एवं दूसरों को इसके लिये प्रेरित करें. हम सभी को ईश्वर की दया व क्षमा में विश्वास करना चाहिए. बिशप बरवा ने कहा कि ईश्वर हमारे जीवन को खुशियों से भर देना चाहते हैं. ईश्वर की महिमा के लिये दान करें एवं लोगों की सेवा करें.
मिस्सा अनुष्ठान में बिशप विंसेंट बरवा का सहयोग फादर बेंजामिन केरकेट्टा, सेंट मेरीज के फादर रेक्टर, फादर इगAेस टेटे, फादर बर्बट कुजूर व फादर सेबेस्टियन एक्का ने किया. मिस्सा गीत संचालन यूसी छात्रवास की छात्राओं ने किया. पहली मिस्सा गीत संचालन प्रचारक दोमनिक तिर्की की अगुवाई में सुंदरपुर के विश्वासियों ने किया.